Wednesday, 5 August 2015

30. शिक्षण-प्रशिक्षण — गिरिजेश


__शिक्षण-प्रशिक्षण__
प्रिय मित्र, शिक्षण-प्रशिक्षण समाज की सबसे महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियों में से एक है. मेरे जीवन का गत दो दशकों से अधिक का समय शिक्षा-जगत में हस्तक्षेप करने में लगा और तरह-तरह के प्रयोग करने के अवसर मिलते गये. उनमें सफल सिद्ध होने वाले प्रयोगों में से एक महत्वपूर्ण प्रयोग शिक्षण-प्रशिक्षण का भी रहा.
जैसे समाज के किसी भी दूसरे उपयोगी काम को करने के लिये हमें विशेष प्रशिक्षण से गुज़रना होता है, वैसे ही शिक्षण-कर्म में निपुण होने के लिये भी हमसे विशेष योग्यता और क्षमता की अपेक्षा की जाती है.
इस व्याख्यान को ध्यान से सुनिए और लागू करने का प्रयास कीजिए.
वैज्ञानिक तरीके से अपनी तैयारी करने पर आप अधिक आत्मविश्वास के साथ शिक्षण करेंगे और बेहतर परिणाम भी प्राप्त कर सकेंगे.
इस व्याख्यान के साथ ही इस विषय पर इस लिंक पर उपलब्ध यह लेख भी पढ़ने का अनुरोध कर रहा हूँ.
आशा है कि प्रस्तुत व्याख्यान शिक्षकीय-कर्म में लगे हुए या लगने जा रहे युवा मित्रों की विशेष सहायता कर सकेगा.
मेरा यह व्याख्यान इस श्रृंखला का तीसवाँ व्याख्यान है.
यह प्रयास युवा-शक्ति की सेवा में विनम्रतापूर्वक समर्पित है.
कृपया इस प्रयास की सार्थकता के बारे में अपनी टिप्पणी द्वारा मेरी सहायता करें.
ढेर सारे प्यार के साथ आपका गिरिजेश
इसका लिंक है http://youtu.be/LX4_KLmHces

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