प्रिय मित्र, 'व्यक्तित्व विकास परियोजना' के अन्तर्गत आजमगढ़ में चलाये जा रहे साप्ताहिक अध्ययन-चक्र की व्याख्यान-माला का यह चौथा व्याख्यान है. इसमें ‘ऐतिहासिक भौतिकवाद’ के अनुसार मानवता की विकास-यात्रा के दूसरे चरण ‘दास-व्यवस्था’ का विश्लेषण आरम्भ किया गया है. दृष्टिकोण ही चिन्तन, अभिव्यक्ति तथा आचरण को आधार प्रदान करता है. जगत को समझने एवं समस्याओं के सफल समाधान में केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण ही विश्वसनीय तौर पर सहायक साबित हुआ है. व्यक्तित्वान्तरण का यह प्रयास युवा-शक्ति की सेवा में विनम्रतापूर्वक समर्पित है.
कृपया इस प्रयास की सार्थकता के बारे में अपनी टिप्पड़ी द्वारा मेरी सहायता करें.
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