प्रिय मित्र, यह व्याख्यान 'व्यक्तित्व विकास परियोजना' के अन्तर्गत आजमगढ़ में चलाये जा रहे साप्ताहिक अध्ययन-चक्र की उपज है.
भारतीय क्रान्ति के प्रतीक पुरुष शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के युगद्रष्टा व्यक्तित्व के मूल्यांकन और वर्तमान क्रांतिकारी आन्दोलन की दशा और दिशा के सन्दर्भ में देशी-विदेशी पूँजी के गठजोड़ पर टिके भारतीय धनतन्त्र के विरुद्ध समाजवादी क्रान्ति की मंज़िल के बारे में उनकी स्पष्ट समझ का विश्लेषण करने के एक प्रयास के तौर पर मेरा यह व्याख्यान इस अध्ययन-चक्र की श्रृंखला का आठवाँ व्याख्यान है.
कृपया युवा-शक्ति की सेवा में विनम्रतापूर्वक समर्पित इस प्रयास की सार्थकता के बारे में अपनी टिप्पड़ी द्वारा मेरी सहायता करें.
- गिरिजेश
http://youtu.be/hGsj7VcDzqw
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