इसको शेर बनाना होगा, दाँव-पेंच सिखलाना होगा।
सुनो, भेड़िये गुर्राते हैं, वे केवल गुर्रा सकते हैं;
भोली-भाली, सीधी-सादी दुनिया को धमका सकते हैं।
मौका पाकर, घात लगाकर बकरी को बहका सकते हैं;
लूट-पाट कर, नोंच-नाच कर अपनी बकरी खा सकते हैं।
क्या हम यह सब देख-भाल कर मन अपना बहला सकते हैं?
मौका पाकर, घात लगाकर बकरी को बहका सकते हैं;
लूट-पाट कर, नोंच-नाच कर अपनी बकरी खा सकते हैं।
क्या हम यह सब देख-भाल कर मन अपना बहला सकते हैं?
यहीं पड़ेगा रहना हमको, कहाँ भाग कर जा सकते हैं?
कभी नहीं, यह नहीं चलेगा, हमीं मशाल जला सकते हैं;
कुछ कर के दिखलाना होगा, हमें मशाल जलाना होगा।
कभी नहीं, यह नहीं चलेगा, हमीं मशाल जला सकते हैं;
कुछ कर के दिखलाना होगा, हमें मशाल जलाना होगा।
बहूत उम्दा
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