Tuesday 16 October 2012

vaigyanik bhautikvad 2 girijesh

प्रिय मित्र, 'व्यक्तित्व विकास परियोजना' के अन्तर्गत आजमगढ़ में चलाये जा रहे साप्ताहिक अध्ययन-चक्र की व्याख्यान-माला का यह दूसरा व्याख्यान है. इसमें 'वैज्ञानिक भौतिकवाद' के विश्लेषण के साथ ही 'ऐतिहासिक भौतिकवाद' के प्रथम चरण 'आदिम कबीलाई मातृप्रधान समाजव्यवस्था' के बारे में भी बातचीत शुरू की गयी है. दृष्टिकोण ही चिन्तन, अभिव्यक्ति तथा आचरण को आधार प्रदान करता है. जगत को समझने एवं समस्याओं के सफल समाधान में केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण ही विश्वसनीय तौर पर सहायक साबित हुआ है. व्यक्तित्वान्तरण का यह प्रयास युवा-शक्ति की सेवा में विनम्रतापूर्वक समर्पित है.

कृपया इस प्रयास की सार्थकता के बारे में अपनी टिप्पड़ी द्वारा मेरी सहायता करें.



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