Monday 7 April 2014

शार्टकट का सवाल :


Voip Provider - bhaiya thoda shortcut me likha karo itna time kiske pas hai fb pe....
उत्तर : Voip Provider ji, जीवन, प्रकृति और विज्ञान तीनों में कोई शार्ट कट नहीं होता. इस शार्ट कट की सोच ने ही हमें कमज़ोर और धूर्त बनाया है. यह शार्ट कट पद्धति कितनी हानि कर चुकी है, इसका केवल एक उदहारण से ही पता चल जाता है.

पढ़ाई शार्ट कट होने लगी, तो छात्र मेहनत से किताबें - टेक्स्ट बुक और रिफरेन्स बुक - पढ़ने और विस्तार में नोट्स बनाने की जगह श्योर शॉट सीरीज़ से परीक्षा देने लगे. शार्ट कट में कॉपी जाँच दी जाने लगी, तो पास तो सभी हो गये. हर छात्र के हाथ में पास होने का सर्टिफिकेट देने वाली और सबको पास कर देने वाली इस शिक्षा-पद्धति की चालाक व्यवस्था के चलते कोई भी परीक्षा पास करने पर भी किसी भी छात्र को कुछ भी आया ही नहीं. हर जगह प्रवेश परीक्षा करवानी पड़ी. यहाँ तक कि अगर आप उसी विद्यालय के छात्र हैं और पिछली परीक्षा पास कर चुके हैं, तो भी अगली कक्षा में प्रवेश के लिये प्रवेश परीक्षा देने की परिस्थिति बन गयी.

शार्ट मेमोरी वाले फेसबुक पर भी शार्ट कट में ही लिखा जाये - यह चलन भी अनुचित है. शॉर्टकट में लिखने से कोई भी बात गहराई से पूरी तरह समझना असम्भव ही है. क्योंकि कोई भी टिप्पणी तो शार्ट हो सकती है. परन्तु कोई लेख शार्ट कट में नहीं लिखा जा सकता. लेख विश्लेषण की माँग करता है और विश्लेषण के लिये लेखक और पाठक दोनों को पूरा समय देने के अलावा किसी भी मुद्दे को पूरी तरह समझने-समझाने का कोई शार्ट कट है ही नहीं.

बात जब भी होती है पूरी ही होती है. अन्यथा पूरा समय देने के बाद भी आपका दिमाग पूरी तरह से खाली रह जाना एक हास्यास्पद विसंगति ही है.

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