Wednesday 9 April 2014

भारतीय लोकतन्त्र : चुनौतियाँ और समाधान - गिरिजेश (राहुल-दिवस 9.4.14.)





प्रिय मित्र, महापण्डित राहुल सांकृत्यायन आज़मगढ़ में जन्म लेने वाले हमारे विश्व-विख्यात क्रान्तिकारी पुरखे थे|
उनके बहुआयामीय जीवन का हर पक्ष - चिन्तन, आचरण और लेखन सदा की तरह ही आज भी युवा क्रान्तिकारियों के लिये पथ-प्रदर्शक और प्रेरक है|
कल उनका 121 वाँ जन्म-दिन था|
उनके वंशज मेरे मित्र Madan Mohan Pandey जी ने उनके गाँव कनैला, चक्रपानपुर में उनके नाम पर अपने खेत में बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बनाया है|
कल उस विद्यालय में एक विचार-गोष्ठी थी|
गोष्ठी का विषय था – “भारतीय लोकतन्त्र : चुनौतियाँ और समाधान”
मुझे इस गोष्ठी की अध्यक्षता करने का अवसर प्रदान किया गया|
मेरा यह व्याख्यान वैश्विक लोकतन्त्र की विकास-यात्रा की चर्चा करता है|
साथ ही वर्तमान भारतीय लोक-तन्त्र की विशिष्ट ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का विश्लेषण करता है|
इसके बाद पूँजीवादी व्यवस्था का विश्लेषण करते हुए उसके परिवर्तन के लिये किये जाने वाले क्रान्तिकारी आन्दोलन पर बात करता है|
और अन्त में बाज़ार पर निर्भर वर्तमान व्यवस्था का विकल्प देने वाले जन-दिशा में रचनात्मक मॉडल खड़ा करने के प्रयास पर प्रकाश डालता है| 
आशा है कि मेरे इस व्याखान से नये वक्ताओं को वक्तृता-कला की बारीकियाँ सीखने में सहायता मिलेगी|
साथ ही सभी युवा मित्रों को अपने दृष्टिकोण और अपनी विश्लेषण-क्षमता का विकास करने में भी सहायता मिल सकेगी|
मेरा यह व्याख्यान 'व्यक्तित्व विकास परियोजना' की ओर से अपलोड होने वाली इस श्रृंखला का इकतीसवाँ व्याख्यान है|
यह प्रयास युवा-शक्ति की सेवा में विनम्रतापूर्वक समर्पित है|
कृपया इस प्रयास की सार्थकता के बारे में अपनी टिप्पड़ी द्वारा मेरी सहायता करें|
ढेर सारे प्यार के साथ — आपका गिरिजेश

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