Friday 30 August 2013

डर : 'मार्क्सवादी छात्र फेडरेशन' की कार्यशाला में एक और सम्बोधन - गिरिजेश





डर : 'मार्क्सवादी छात्र फेडरेशन' की कार्यशाला में धनबाद में एक और सम्बोधन - गिरिजेश 

प्रिय मित्र, 'मार्क्सवादी छात्र फेडरेशन' की गत २४-२६ अगस्त, २०१३ की तीन दिवसीय कार्यशाला में धनबाद में मेरे दो व्याख्यान हुए. उनमें से एक आपने यू-ट्यूब पर सुना. दूसरा व्याख्यान यह है. इसमें वर्तमान जनविरोधी पूँजीवादी समाज-व्यवस्था की सीढ़ीदार रचना के अलग-अलग स्तर पर जीने वाले इन्सान के मनोविश्लेषण के माध्यम से शासक-शोषक धनपशुओं की विकास-यात्रा के दौरान उनके अमानुषीकरण की प्रक्रिया के बारे में विस्तार में विवेचन किया गया है. हर एक शोषक व्यक्ति हरदम खुद सबसे डर-डर कर जीता है और अपने इसी डर के चलते ही वह हमेशा सबको ही डरवाते रहने के लिये विवश होता है. 

इस तरह इस व्याख्यान में हमारे डर के व्यवस्था में निहित मूलभूत असली कारण के बारे में सरल शब्दों में समझाया गया है. क्योंकि हम सभी हर इन्सान को इस तन्त्र द्वारा अनवरत तनाव और अलगाव में फँसाने के कुचक्र को अच्छी तरह समझने के बाद ही इसकी ऑक्टोपसी जकड़न से मुक्त होने के लिये एक साथ एकजुट होकर पूरी ताकत लगा कर आर-पार फैसलाकून प्रयास कर सकते हैं. 

मेरा यह व्याख्यान यू-ट्यूब पर उपलब्ध श्रृंखला का अट्ठारहवाँ व्याख्यान है. यह प्रयास युवा-शक्ति की सेवा में विनम्रतापूर्वक समर्पित है. 

विशेष अनुरोध:- कृपया कृपया इसे सुन कर अपनी टिपण्णी से मुझे भी अवगत करायें एवं इस प्रयास की सार्थकता के बारे में मेरी सहायता करें.

इसका लिंक यह है - http://youtu.be/py7fz0tM1nQ

ढेर सारे प्यार के साथ - आपका गिरिजेश

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