Sunday 6 October 2013

प्रो. चमन लाल का 'व्यक्तित्व विकास परियोजना' को सम्बोधन (6.10.13.)



प्रो. चमन लाल का 'व्यक्तित्व विकास परियोजना' के साप्ताहिक अध्ययन-चक्र को फोन से सम्बोधन (6.10.13.)
प्रिय मित्र, आजमगढ़ में 'व्यक्तित्व विकास परियोजना' के साप्ताहिक अध्ययन-चक्र में फोन के ज़रिये दूरस्थ वरिष्ठ साथियों के सम्बोधन सुनने की कड़ी में इस बार प्रस्तुत है प्रो. चमन लाल का तरुणों के लिये यह सरल, सुबोध और सार-गर्भित सम्बोधन| 

इस व्याख्यान में उन्होंने शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के विचारों की वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सार्थकता पर प्रकाश डाला है| उन्होंने विशेष तौर पर भगत सिंह के दो लेखों “मैं नास्तिक क्यों हूँ” और “नौजवानों के नाम सन्देश” का विश्लेषण किया है|

यह व्याख्यान इस श्रृंखला का यह इक्कीसवाँ व्याख्यान है| यह प्रयास युवा-शक्ति की सेवा में विनम्रतापूर्वक समर्पित है|
कृपया इस प्रयास की सार्थकता के बारे में अपनी टिप्पड़ी द्वारा मेरी सहायता करें| 

इसका लिंक यह है - 
http://www.youtube.com/watch?v=J-3wDaOAb28&feature=youtu.be

ढेर सारे प्यार के साथ - आपका गिरिजेश

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