Saturday 12 October 2013

कहानी : संगसार - गिरिजेश



कहानी : संगसार - गिरिजेश 
"मुझे पत्थर मत मारो !" (शैतान, इन्सान और संगसार) 
प्रिय मित्र, पिछले दिनों शरीयत के फैसले के चलते लड़कियों को संगसार करके मार डालने की घटनाओं की गूँज मन में आज तक बनी हुई है. इस शर्मनाक परम्परा के चलते होने वाली उस दर्दनाक मौत पर सोचने का नतीज़ा है यह कहानी. कहानी है, तो कुछ मिथक, कुछ साहित्य, कुछ इतिहास और कुछ वर्तमान की घटनाएँ इसमें से झाँक रही हैं. थोड़ा-सा कल्पना का भी पुट है ही. लीजिए आप भी यह कहानी सुनिए और बताइए कि कैसी लगी...
यह कहानी ‘व्यक्तित्व विकास परियोजना’ द्वारा अपलोड की जाने वाली कड़ी का बाइसवाँ प्रयोग है. यह प्रयास युवा-शक्ति की सेवा में विनम्रतापूर्वक समर्पित है.
कृपया इस प्रयास की सार्थकता के बारे में अपनी टिप्पड़ी द्वारा मेरी सहायता करें. 
इसका लिंक यह है – http://www.youtube.com/watch?v=2wWHbos5MFA&feature=youtu.be
ढेर सारे प्यार के साथ - आपका गिरिजेश

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