Tuesday 7 January 2014

राहुल सांकृत्यायन जन इण्टर कॉलेज : एक विनम्र अनुरोध – गिरिजेश



एक विनम्र अनुरोध – गिरिजेश 
राहुल सांकृत्यायन जन इण्टर कॉलेज, लछिरामपुर, आज़मगढ़ के सभी छात्र-छात्राओं से : 
प्रिय मित्र, आज़मगढ़ में राहुल सांकृत्यायन जन इण्टर कॉलेज, लछिरामपुर की स्थापना का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लैस करके उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना था. उसकी स्थापना केवल तीस छात्रों और चार शिक्षकों के साथ 1992 में की गयी थी. तब से अट्ठारह वर्षों के काल-खण्ड तक अनवरत इस संस्था में आज़मगढ़ के बच्चों का स्वस्थ विकास होता रहा. बीच-बीच में तरह-तरह के व्यवधान और अवरोध-विरोध आते रहे. मगर शिक्षा-जगत में क्रान्तिकारी हस्तक्षेप का यह प्रयोग फिर भी चलता रहा. 

2009 में मुझे ‘टू-लाइन स्ट्रगल’ में परास्त होकर पीछे हटना पड़ा. किन्तु संस्था अभी भी चल रही है. केवल अब उसका तेवर, उसकी धार और दशा-दिशा पूरी तरह से बदल चुकी है. फिर भी अभी तक भी उसके कोष से नियमित रूप से मुझे प्रतिमाह रु.5000/- मिल रहे हैं. इस राशि का उपयोग अब ‘व्यक्तित्व विकास परियोजना’ को आगे बढ़ाने में किया जा रहा है. यह परियोजना भी उसी लक्ष्य से चलायी जा रही है. उसमें और इसमें केवल एक अन्तर है. और वह यह कि वह 'शुल्क आधारित' प्रयोग था और यह पूरी तरह से 'निःशुल्क' प्रयोग है. 

राहुल विद्यालय से दशकों तक कड़ी साधना करके निखर कर निकलने वाले अनेक छात्र-छात्राओं ने देश की अलग-अलग संस्थाओं में अपनी और आगे की पढ़ाई की है और स्वयं को समाज के लिये उपयोगी नागरिक के रूप में स्थापित किया है. उनमें से अनेक अभी भी अपनी पढ़ाई अलग-अलग स्तरों पर अलग-अलग विषयों और विद्यालयों में अलग-अलग नगरों में कर रहे हैं. ये सभी छात्र आज एक बार फिर से अपनी चेतना के नये स्तर और अपनी नयी ज़मीन पर खड़े होकर अपने विद्यालय और अपने बचपन के उन शानदार दिनों को याद करते रहते हैं. इनमें से कुछ मेरे जीवन्त सम्पर्क में हैं और इस देश में क्रान्तिकारी परिवर्तन में अपनी अलग-अलग भूमिका का निर्वाह भी सफलतापूर्वक कर रहे हैं. इनमें से अनेक के सपने हैं कि अपने पैरों पर खड़े होते ही वे भी अवश्य ही इस अभियान में सक्रिय भागीदारी करेंगे. 

परन्तु अभी भी बहुत से ऐसे हैं, जो हम सब के सम्पर्क में नहीं आ सके हैं. हम सब को अलग-थलग पड़े और छूटे-छटके ऐसे सभी छात्र-छात्राओं से दुबारा सम्पर्क स्थापित करने का प्रयास अवश्य करना होगा. ताकि हम सभी एक साथ मिल-जुल कर अपने उन परिवर्तनकामी सपनों को साकार करने में उनकी भी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें, जिनको देखते हुए और जिनके लिये अपनी क्षमता के विकास का प्रयास करते हुए हमने साथ-साथ अपनी ज़िन्दगी के सबसे सुनहरे दिन व्यतीत किये हैं. 

राहुल विद्यालय के छात्रों ने राहुल विद्यालय के नाम से ये कई ग्रुप्स बनाये हैं. मेरा अनुरोध है कि यदि हम इन सभी ग्रुप्स को एक में मिला दें, तो सभी ग्रुप्स के सदस्य एक मंच पर ही अपने विचार व्यक्त कर सकेंगे और अपने बचपन के सभी मित्रों के विचारों से भी लगातार अवगत होते रहेंगे. इस निर्णय से परस्पर विचार-विनिमय करने में भी हम सब को भरपूर सहायता मिलेगी. अगर इस प्रयास में कोई तकनीकी या मतभेद की समस्या आती है, तो उसे आपस में मिल-जुल कर और बात-चीत करके आसानी से हल किया जा सकता है.
1. प्राउड टू बी आज़मगढ़िया
https://www.facebook.com/groups/476483965703796/
2. राहुल स्कूल https://www.facebook.com/groups/singhalok232/
3. ज़िन्दगी रिलैक्स प्लीज़
https://www.facebook.com/groups/JINDAGIRELAX/
4. स्टूडेंट्स https://www.facebook.com/Is2dent?ref=stream
11. RAHUL SANKRITYAYAN JAN INTER COLLEGE LACHHIRAMPUR AZAMGARH

हम सभी इस रूप में एक वृहत्तर परिवार - ‘राहुल-परिवार’ के सदस्य हैं. मेरा यकीन है कि आने वाले दिन आज़मगढ़ के युवाओं की समाज के विविध क्षेत्रों में अतुलनीय सफलता के साक्षी होंगे. मेरा यह भी यकीन है कि उन सभी सफलताओं में ‘राहुल-परिवार’ के सदस्यों द्वारा बनाये गये कीर्तिमानों की अनन्य भूमिका होनी ही है. मेरा फोन नम्बर है – 09450735496. आपमें से जो भी चाहे, जब भी चाहे, बेझिझक मुझसे सम्पर्क कर सकता है. मैं सदा की तरह ही आज भी आपके साथ ही हूँ.

इसी कामना के साथ आपका अपना – ‘तिवारी सर’ 30.12.13.
{मेरा विशेष अनुरोध है कि इस पोस्ट को आप सभी अपनी-अपनी वाल पर भी शेयर करें और अपने मित्रों से भी ऐसा ही करने का निवेदन करें, ताकि यह सन्देश हमारे अधिकतम मित्रों तक पहुँचाया जा सके.}

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