Saturday 24 May 2014

______यक्ष-प्रश्न______


मेरे प्यारे युवा दोस्तो,
आज आप से एक बात कहने का मन कर रहा है....
अभी आपने उत्साह और उत्तेजना से लबरेज़ एक दौर देखा....

अभी आपने चुनाव 2014 की तरह-तरह की लहरों के ज्वार-भाटे को देखा...
अभी आप ख़ुद भी उन लहरों में पूरे जोश के साथ जिये हैं....
अभी आप ख़ुद भी हर एक भाटे के साथ डूबे हैं और हर एक ज्वार के साथ उतराये हैं....

वह एक तमाशे का दौर था...
अब वह दौर ख़त्म हो चुका है....
अब उस दौर के बाद का दौर है....

अब कृपया धीरज के साथ 16 मई की प्रतीक्षा कीजिए....
16 मई के बाद एक और दौर शुरू होगा....
मगर वह दौर भी महज़ एक दूसरे तमाशे का ही दौर होगा....
इस या उस तमाशे के हर एक दौर को देखते चलिए....

इस या उस किसी भी तमाशे से हमारी ज़िन्दगी बदलने वाली नहीं है....
इस या उस किसी भी बाज़ीगर में हमारी मुश्किलों का हल निकालने की कूबत है ही नहीं...
इस देश की मुश्किलों का हल खोजने के लिये आप को ख़ुद ही कुछ करना होगा...

इस देश में आप से अधिक ज़िम्मेदार कोई और नहीं है....
इस देश में आप से अधिक ईमानदार कोई और नहीं है....
इस देश की समस्याओं से आप से अधिक परेशान कोई और नहीं है...
इस देश को आपसे अधिक प्यार करने वाला कोई और नहीं है....
यह देश किसी और से अधिक ख़ुद आपका अपना है...
इस देश का भविष्य आप ही हैं.....

प्रश्न केवल एक है -
"कौन बचायेगा देश" ?
उत्तर भी केवल एक ही है -
"आप ! केवल आप !!"

मुझे केवल आप से ही उम्मीद है....
वही कीजिए जो आप को सही लगे...

हमेशा की तरह हमेशा ही
हर क़दम पर ताज़िन्दगी आपके साथ

ढेर सारे प्यार के साथ
- आपका गिरिजेश
(13.5.14)



एक सलाह और एक चुनौती :

दोनों मुफ्त में दे रहा हूँ. लेना चाहें, तो स्वागत है.
Angraj Tiwari - "aap to suruaat se pehle hi der gye abhi modi ji pm bnenge aur bhut jyada desh ka vikas krenge lekin wo to apko apni secular ankh se dikhega nhi aur aap ko kuch smjh bhi nhi aiga aap to kewal muslimo ko khus krne ke liye modi ki likhte rhi yega aa rha hai bharat mata ka sher aur desh ke gddaro ko sbak sikhaega jai modi ji"

माननीय श्री Angraj Tiwari जी,
अब भी आप संयत स्वर और मर्यादित भाषा का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं.
अफ़सोस है आपके स्तर पर. "aap to suruaat se pehle hi der gye" और "aap ko kuch smjh bhi nhi aiga aap to kewal muslimo ko khus krne ke liye modi ki likhte rhi yega aa rha hai" इन विचारों से आप अपनी ही औकात नाप रहे हैं.
मैं कितना डरपोक हूँ और कितना मुसलमानों को खुश करता रहा हूँ.
मुझे अफ़सोस है कि मेरे ही आज़मगढ़ के निवासी होने के बाद भी आप ऐसे अधकचरे मूल्यांकन के साथ मेरी ही वाल पर अपनी कुत्सित मानसिकता व्यक्त कर रहे है.
अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का पक्षधर होने के चलते मैं tolerate करता रहता हूँ.
तो कृपया इस छूट का नाजायज लाभ अब तो मत लीजिए.
आपका मोदी जो कर लेगा या कर देगा, वह तो सामने ही आयेगा.
आँख और समझ दोनों ही केवल आप ही के पास है.
और सारा देश तो अन्धों और मूर्खों का ही है.
मेरा अनुरोध है कि अगर इन्ही भावनाओं को व्यक्त करते रहना है,
तो कृपया अब आपको मुझसे दूरी बना लेनी चाहिए
या फिर
मेरे आवास पर आ कर मेरी हिम्मत को आजमा लेना चाहिए.
फेसबुक पर मेरे डर जाने का फैसला कर पाना आप जैसे अन्धमोदीभक्तों के लिये नामुमकिन है. सलाह मुफ्त दे रहा हूँ.
चुनौती भी साथ में दे ही रहा हूँ.
स्वीकार करने का दम हो, तो स्वागत है.
आपका अभी भी मित्र - गिरिजेश

यह टिप्पणी इस लिंक पर है :
https://www.facebook.com/photo.php?fbid=10202175280971304&set=a.2043969386669.2098291.1467398103&type=1&comment_id=10202178847940476&offset=0&total_comments=6&ref=notif&notif_t=photo_comment

No comments:

Post a Comment