Wednesday 7 May 2014

'राहुल सांकृत्यायन जन इण्टर कॉलेज' के ग्रुप के बारे में अनुरोध

"भागो नहीं, दुनिया को बदलो"
एक विनम्र अनुरोध – गिरिजेश
राहुल सांकृत्यायन जन इण्टर कॉलेज, लछिरामपुर, आज़मगढ़ के सभी छात्र-छात्राओं से :
प्रिय मित्र, आज़मगढ़ में राहुल सांकृत्यायन जन इण्टर कॉलेज, लछिरामपुर की स्थापना का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लैस करके उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना था. उसकी आज़मगढ़ में स्थापना 1992 में केवल 30 बच्चों और चार शिक्षकों के साथ दुनिया बदलने वाले इन्सान गढ़ने के केन्द्र के रूप में मैंने की थी. तब से अट्ठारह वर्षों के काल-खण्ड तक अनवरत इस संस्था में आज़मगढ़ के बच्चों का स्वस्थ विकास होता रहा. बीच-बीच में तरह-तरह के व्यवधान और अवरोध-विरोध आते रहे. मगर शिक्षा-जगत में क्रान्तिकारी हस्तक्षेप का यह प्रयोग फिर भी चलता रहा.

2009 में मुझे ‘टू-लाइन स्ट्रगल’ में परास्त होकर पीछे हटना पड़ा. किन्तु संस्था अभी भी चल रही है. यथास्थिति की विसंगतियों और परम्परागत विचारधारा की विकृति का शिकार होकर अब उसकी धार और दशा-दिशा पूरी तरह से बदल चुकी है. व्यक्तित्वान्तरण और युग-परिवर्तन का केन्द्र न रह कर अब यह केवल शिक्षा बेचने की एक दूकान में बदल चुका है. फिर भी अभी तक भी उसके कोष से नियमित रूप से मुझे प्रतिमाह रु.5000/- मिल रहे हैं. इस राशि का उपयोग अब ‘व्यक्तित्व विकास परियोजना’ को आगे बढ़ाने में किया जा रहा है. यह परियोजना भी उसी लक्ष्य से चलायी जा रही है. उसमें और इसमें केवल एक अन्तर है. और वह यह कि वह 'शुल्क आधारित' प्रयोग था और यह पूरी तरह से 'निःशुल्क' प्रयोग है.

राहुल विद्यालय से दशकों तक कड़ी साधना करके निखर कर निकलने वाले अनेक छात्र-छात्राओं ने देश की अलग-अलग संस्थाओं में अपनी और आगे की पढ़ाई की है और स्वयं को समाज के लिये उपयोगी नागरिक के रूप में स्थापित किया है. उनमें से अनेक अभी भी अपनी पढ़ाई अलग-अलग स्तरों पर अलग-अलग विषयों और विद्यालयों में अलग-अलग नगरों में कर रहे हैं. ये सभी छात्र आज एक बार फिर से अपनी चेतना के नये स्तर और अपनी नयी ज़मीन पर खड़े होकर अपने विद्यालय और अपने बचपन के उन शानदार दिनों को याद करते रहते हैं. इनमें से कुछ मेरे जीवन्त सम्पर्क में हैं और इस देश में क्रान्तिकारी परिवर्तन में अपनी अलग-अलग भूमिका का निर्वाह भी सफलतापूर्वक कर रहे हैं. इनमें से अनेक के सपने हैं कि अपने पैरों पर खड़े होते ही वे भी अवश्य ही इस अभियान में सक्रिय भागीदारी करेंगे.

परन्तु अभी भी बहुत से ऐसे हैं, जो हम सब के सम्पर्क में नहीं आ सके हैं. हम सब को अलग-थलग पड़े और छूटे-छटके ऐसे सभी छात्र-छात्राओं से दुबारा सम्पर्क स्थापित करने का प्रयास अवश्य करना होगा. ताकि हम सभी एक साथ मिल-जुल कर अपने उन परिवर्तनकामी सपनों को साकार करने में उनकी भी भागीदारी सुनिश्चित कर सकें, जिनको देखते हुए और जिनके लिये अपनी क्षमता के विकास का प्रयास करते हुए हमने साथ-साथ अपनी ज़िन्दगी के सबसे सुनहरे दिन व्यतीत किये हैं.

हम सभी इस रूप में एक वृहत्तर परिवार - ‘राहुल-परिवार’ के सदस्य हैं. मेरा यकीन है कि आने वाले दिन आज़मगढ़ के युवाओं की समाज के विविध क्षेत्रों में अतुलनीय सफलता के साक्षी होंगे. मेरा यह भी यकीन है कि उन सभी सफलताओं में ‘राहुल-परिवार’ के सदस्यों द्वारा बनाये गये कीर्तिमानों की अनन्य भूमिका होनी ही है.

हम सब की यह कामना है कि हम सभी एक दूसरे के साथ आजीवन एकजुटता और मैत्री का सम्बन्ध चलाते रहेंगे. व्यक्तित्वान्तरण के इस केन्द्र में जिन लोगों को अपनी ज़िन्दगी के सबसे महत्वपूर्ण वर्ष एक साथ सीखने-सिखाने में खपाने का अवसर मिला, उन सभी से यह अपेक्षा है कि जीवन-संघर्ष में एकजुट होकर अपनी अपराजेय भूमिका का निर्वहन करेंगे.

इस पुनीत सम्बन्ध को नये आयाम देने वाले मंच के रूप में इस ग्रुप का गठन किया जा रहा है.
राहुल परिवार के सभी सदस्यों का इस ग्रुप में स्नेह और सम्मान के साथ हार्दिक स्वागत है.
यदि आप अभी तक इसके सदस्य नहीं रहे हैं, तो कृपया निम्नलिखित लिंक पर जा कर इसकी सदस्यता ग्रहण करें एवं अपने मित्रों को भी इसका सदस्य बनायें.

मेरा फोन नम्बर है – 09450735496. आपमें से जो भी चाहे, जब भी चाहे, बेझिझक मुझसे सम्पर्क कर सकता है. मैं सदा की तरह ही आज भी आपके साथ ही हूँ.

इसी कामना के साथ आपका अपना – ‘तिवारी सर’ (2.5.14.)

{मेरा विशेष अनुरोध है कि इस पोस्ट को आप सभी अपनी-अपनी वाल पर भी शेयर करें और अपने मित्रों से भी ऐसा ही करने का निवेदन करें, ताकि यह सन्देश हमारे अधिकतम मित्रों तक पहुँचाया जा सके.}
https://www.facebook.com/groups/singhalok232/717634998287630/?ref=notif&notif_t=like

1 comment:


  1. Girijesh Tiwari -
    __राहुल-परिवार के नाम एक और पत्र__
    मेरे प्यारे साथियों, इस ग्रुप के गठन के लिये मैं आप सब को पूरे मन से बधाई देता हूँ. मुझे इसमें आपकी पोस्ट्स और कमेंट्स को पढ़ कर दुःख और खुशी दोनों हुआ. दुःख राहुल स्कूल की दुर्गति के चलते और ख़ुशी आप सब की अभिव्यक्ति की क्षमता के विकास और आप की स्पष्टवादिता को देख कर.
    RAHUL SANKRITYAYAN JAN INTER COLLEGE राहुल सांकृत्यायन जन इन्टर कॉलेज https://www.facebook.com/groups/singhalok232/?ref=bookmarks नाम से इस लिंक पर पहले से ही एक ग्रुप चलाया जा रहा है. यह लेख मैंने उस ग्रुप के परिचय के रूप में लिखा था.
    मेरा विनम्र अनुरोध है कि R S J I College नाम से शुरू हुआ यह ग्रुप अलग से चलाने की कोई आवश्यकता नहीं है. अगर हम सभी एक साथ एक ग्रुप में रहते हैं और उसमें खुल कर अपने विचार व्यक्त करते हैं और और भी साथियों को जोड़ते हैं, तो न केवल हम उन सभी विसंगतियों को दूर करने के लिये एक सशक्त दबाव राहुल स्कूल के वर्तमान प्रबन्ध-तन्त्र पर बना सकेंगे, जिनकी कुछ साथियों ने इस ग्रुप की पोस्ट्स और कमेंट्स में चर्चा की है. बल्कि देश की शिक्षा-पद्धति में और भी विकसित तरीके से हस्तक्षेप कर सकेंगे. मेरे सम्पर्क में ऐसे विद्वान् और ईमानदार शिक्षक हैं, जो इस दिशा में गंभीरतापूर्वक अपने-अपने स्तर से प्रभावशाली प्रयोग कर रहे हैं.
    इसके साथ ही मेरा अनुरोध है कि मैं लाइफ-लाइन अस्पताल की गली के सामने सड़क से पूरब रसोई रेस्टोरेन्ट के बगल में Personality Cultivation Project व्यक्तित्व विकास परियोजना के नाम से कक्षा IX से XII नौ से इन्टर तक के छात्र-छात्राओं के लिये पूरी तरह से निःशुल्क शिक्षण-प्रशिक्षण का एक केन्द्र चला रहा हूँ. इस केन्द्र में हम एक कक्षा में केवल तीस छात्रों को लेकर चलना चाहते हैं. इस केन्द्र में पहुँचने के लिये अपने सम्पर्क के सभी छात्र-छात्राओं से आप सभी साथी अनुरोध करें. हम इस रूप में राहुल विद्यालय का एक और क्लोन बना रहे हैं.
    इसके लिये एक पेज बनाया गया है. उसका लिंक यह है.
    https://www.facebook.com/personalitycultivationproject
    इस लिंक पर भी जा कर आपसे इसको लाइक करने और इसमें लिखने का अनुरोध कर रहा हूँ.
    ढेर सारे प्यार के साथ - आजीवन आप सबका गिरिजेश (10.1.14)

    ReplyDelete