Monday 28 July 2014

हे साहेब जी,


Girijesh Tiwari -
हे साहेब जी, तुमहि बतावउ,
तुम भगतन के, भगत तुम्हारे !
जो कुछ हौ, सब तुम्हरेहि कब्ज़े,
ई कइसे दिन आय तुम्हारे !

केतने 'अच्छे दिन' के लच्छन,
हम सब का तुम देखा रहे हौ !
हम अब केकरा के गोहराईं;
जिनगी माहुर भइल हमार,
हम तौ बिना मउत के मारे !

कवनउ राह बतावौ हमका,
चक्कर खाए अकिल हमार;
कइसे जीयब, कइसे खाइब,
अपनो मुँहवाँ खोलउ साहेब,
अब्बो कछु तौ बोलउ, साहेब !

नवमीत -
भक्त: प्रभु, सरकार आ गई। अच्छे दिन कब आएँगे?
साहेब: ये ले बाल्टी और पानी से भर के ला। जैसे ही भरेगी, अच्छे दिन आ जाएँगे।
भक्त: कोटि कोटि प्रणाम, प्रभु। कितना अच्छा वरदान दिया है आपने। अच्छे दिन आने वाले हैं। भज मन नमो नमो.. श्रीमन नमो नमो..
(बस भक्तजी तब से बाल्टी को भरने में लगे हुए हैं। आखिर अच्छे दिन इसी बात पर तो आने हैं)
Photo: भक्त: प्रभु, सरकार आ गई। अच्छे दिन कब आएँगे?
साहेब: ये ले बाल्टी और पानी से भर के ला। जैसे ही भरेगी, अच्छे दिन आ जाएँगे।
भक्त: कोटि कोटि प्रणाम, प्रभु। कितना अच्छा वरदान दिया है आपने। अच्छे दिन आने वाले हैं। भज मन नमो नमो.. श्रीमन नमो नमो..
(बस भक्तजी तब से बाल्टी को भरने में लगे हुए हैं। आखिर अच्छे दिन इसी बात पर तो आने हैं)

No comments:

Post a Comment