Tuesday 23 December 2014

Respect the Youth



Ask them project, they will give. Give them projects, they will do.

कल एक विद्वान् ने वर्तमान समाज का विश्लेषण करते समय सूत्र दिया -
"अगर हमारा Vission global और action लोकल हो, तो ही हम आज के सर्वव्यापी, सर्वग्राही, सर्वसमर्थ, अदृश्य शत्रु से लड़ सकते हैं."
उनका कहना था कि अब सामन्तवाद का वह दौर नहीं है कि कोई ज़मींदार या कोई सूदखोर सामने प्रत्यक्ष जनशत्रु के रूप में चिह्नित किया जा सके.
नये युग के अनुरूप संघर्ष के नये औजार गढ़े जाने हैं. और उनको पुराने साँचे में सोच कर नहीं गढ़ा जा सकता. आज का युवक ही उस दृष्टि और क्षमता से लैस है, जो आज के जीवन के सत्य का यथावत साक्षात्कार कर सकता है.

कुछ ही दिनों पूर्व Comrade Mahizhchi Ponniah को पढ़ रहा था. उनके शब्दों में दम है. वह मुक्त मन से स्पष्ट लिखते हैं -
"Ask the IITians, NITians, IIMians and other brilliant young peoples, who are capable of guiding this country to the growth path. Respect them. They will tell you thousands of ways. Ask them project, they will give. Give them projects, they will do."
http://www.veethi.com/arti…/make-for-india-article-3355.htm…

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