Monday 16 March 2015

___जो मोदी गिरोह के विरुद्ध है, वह इनके लिये देशद्रोही है ____


प्रिय मित्र, कृपया यह लिंक देखिए. अपने एक सम्मानित मित्र को साम्प्रदायिकतावादी किस तरह से किन शब्दों में और कैसे भावावेश में अपमानित कर रहे हैं. इनके मुँह से 56 इंच के छाती वाले की ज़हरीली जबान नफ़रत भरे शब्दों के साथ बाहर आ रही है. इनको केवल ये ही भारतीय दीखते हैं और सभी जनपक्षधर बुद्धिजीवी, सभी मुसलमान और केवल पाकिस्तान ही धरती पर दुश्मन दिखाई देता है. इनकी आँखों को मोदियाबिंद नामक संक्रामक बीमारी हो चुकी है. ऐसे विषाक्त माहौल और मानसिकता में जीने वाले मित्रों से बिना मित्र के रह जाना बेहतर है. विनम्रता के साथ यह अनुरोध मैं अपने सम्मानित साथियों से कर रहा हूँ. उनको मैं कितना प्यार करता हूँ. यह किसी से छिपा नहीं है, उनके अपमान उनके लिए व्यक्तिगत नहीं हैं, ये उनकी अवस्थिति के लिये हैं और इस रूप में ये हम सभी के लिये हैं. 

विनम्रता के साथ - अतिशय क्षोभ में आपका गिरिजेश
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Shobha Mishra -
February 11 at 11:09pm ·
ढोल-नगाड़ों , पटाखों के बिना और रास्ता जाम कर न करके विजय उत्सव न मनाये जाने की एक मित्र की पोस्ट पर मैं डर और संकोच से इतना ही कमेंट कर पायी कि, "आस पास की झुग्गियों में लगातार पटाखे जलाएं जा रहें हैं और ढोल नगाड़े भी बज रहें हैं !" ये नहीं कह पायी कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे भी लग रहें हैं !
आम आदमी पार्टी की जीत पर पाकिस्तान में जो घृणा उत्सव खुलकर मनाया जा रहा है वही उत्सव दबे स्वर में हमारे भारत में भी मनाया जा रहा है .. !! आम आदमी की जीत के उत्सव से केसरिया गुब्बारा भी गायब है .. ! संकेत बहुत भयानक हैं .. !
इस घृणा उत्सव के पीछे कौन लोग हैं ..? कौन हैं ये भितरघाती जो हमारे किसी सुख दुःख में साथ हँसे न रोये पर आज घी के दिए जला रहें हैं ..? ये हमलावर जिनके हाथ हमारे सैनिकों से रक्त से सने हुएं हैं वे किसकी पराजय पर खुश हैं .. ??
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गीता पंडित, Santosh Choubey, Anand Kumar Dwivedi and 85 others like this.
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मीनाक्षी मिश्रा uff
February 11 at 11:12pm · Like · 1

Indu Singh गहन सवाल है ........जवाब मौन है .......!!!!!
February 11 at 11:19pm · Like · 2

Shobha Mishra ज़ी न्यूज़ अभी ना देख पायी हो तो सुबह जरूर देखना इंदु ..
February 11 at 11:24pm · Like · 5

Indu Singh ज़रूर देखूँगी !
February 11 at 11:30pm · Like · 1

Ashutosh Mishra मतलब साफ है कि देश के दुश्मनों के चक्कर में आम जनता भी फंस गई और गलती कर बैठी,,, इसलिए आज हरे और सफेद गुब्बारे लगे थे
February 11 at 11:31pm · Edited · Like · 5

मीनाक्षी मिश्रा ये लोग बहुत चालाक हैं
February 11 at 11:31pm · Like · 1

अरुणा सक्सेना बेहद खतरनाक संकेत
February 11 at 11:31pm · Like · 3

Vani Geet Neeta Mehrotra क्या यह प्र्लाप है सिर्फ
February 11 at 11:32pm · Like · 1

Shobha Mishra अभाव और असुविधाओं में जी रही गरीब जनता बहुत भोली और मासूम है आशुतोष जी ..
February 11 at 11:34pm · Like · 5

Vani Geet शोभा जी क्या आप इस स्टेटस को पब्लिक कर सकती हैं?
February 11 at 11:35pm · Like · 2

Ashutosh Mishra इतनी नीचता पर उतारु हो गए.. इतनी घृणा अपने पीएम से.. खैर जब पाकिस्तान ही जश्न मना रहा है तो क्या कहा जाए... दिल्ली की जनता को मूर्ख बनाने में आआप समेत मीडिया, सभी विपक्षी दल, तथाकथित बुद्धिजीवी और सेकूलर सभी लगे थे ..समझ में आ जाएगा सभी को कि फ्री में कुछ नहीं मिलता और फ्री के चक्कर में बहुत कुछ गंवाना भी पड़ेगा..
February 11 at 11:35pm · Like · 13

Arvind Vidrohi http://www.hastakshep.com/.../मोदी-के-अश्वमेघ-यज्ञ-के-लवमोदीके अश्वमेघ यज्ञ के लव-कुशhastakshep.com ·

मोदी के अश्वमेघ यज्ञ के लव-कुश
मोदी के अश्वमेघ यज्ञ के लव-कुश-रथ रुका तो पर छोड़ने के पश्चात् अयोध्या के राजा राम का अश्वमेघ यज्ञ सकुशल विधिवत पूरा भी...
HASTAKSHEP.COM
Yesterday at 12:10am · Like

Ashutosh Mishra जिसकी जीत पर दुश्मन खुश हो उसके बारे में क्या कहा जाए..
Yesterday at 12:12am · Like · 8

नीलम महाजन सचमुच भयावह ...
23 hrs · Like · 2

DrKavita Vachaknavee इसीलिए तो... सभी राष्ट्रविरोधी शक्तियों को समेट कर एकत्र कर लिया है आआपा ने अपने में, अब उन्हें नया नाम मिल गया है बस
19 hrs · Edited · Like · 9

Anandi Rawat अब तो खाँसते हुये भी डर लगता हैं आपि मधुमक्खी की तरह काटने आ रहे है ।
15 hrs · Like · 2

@Sayeed Ayub पता नहीं, रिजल्ट के बाद आप दिल्ली में कितना घूमी हैं और कितनी झुग्गी-झोंपड़ियों का दौरा किया है पर मैं लगातार घूम रहा हूँ. कई झुग्गी-झोंपडियों में भी गया हूँ. पर मैंने न तो ढोल-नगाड़ों की आवाज़ सुनी और न वे नारे जिनका ज़िक्र आप कर रही हैं. पाकिस्तान और हिन्दुस्तान के रिश्ते किसी से छिपे नहीं है और दोनों देशों की किसी भी घटना पर दोनों ही देशों में जो प्रतिक्रिया होती है वह भी किसी से छिपा नहीं है. उसे इतने साधारण ढंग दे देखना...हैरान हूँ और आपकी इस पोस्ट पर शर्मिंदा हूँ. यह निहायत ही साम्प्रदायिक पोस्ट है. आपसे ऐसी किसी पोस्ट की उम्मीद मैं नहीं कर सकता था. सादर!
12 hrs · Like · 7

Ashutosh Mishra आपने नहीं सुनी होगी सईद भाई लेकिन जिसने सुनी है वह गलत थोड़े ही कह रही हैं...आप तो एक तरीके से उन्हें झूठा करार देने में लगे हैं.. ऐसा लगता है आपको भी प्रमाणपत्र देने की आदत पड़ गई है..आपके प्रमाणपत्र की जरूरत किसे है यह इतनी साधारण बात नहीं है कि इसे साधारण ढंग से देखा जाए.. केजरीवाल के जीतने पर किसी को आपत्ति नहीं है लेकिन जिस तरह से पाकिस्तान समेत यहां के कुछ झुग्गी झोपड़ियों में पाकिस्तान समर्थित नारे लगे या भाषा बोली जा रही है उसपर आपत्ति है... बजाय उनलोगों को ऐसा करने से रोकने या कुछ कहने के आप पोस्ट को ही सांप्रदायिक कह रहे हैं और एक ही झटके में कह रहे हैं कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं... असल में इस देश में केवल हिंदु ही सवालों के घेरे में आता है बाकी सभी तो जन्मजात सेकूलर है... मु्झे आपकी इस बात पर आपत्ति है कि यह पोस्ट सांप्रदायिक है.. और आपकी बात पर यहां बाकी लोग शर्मिंदा है...
11 hrs · Edited · Like · 4

Ashutosh Mishra पिछले आठ महीने में ऐसा क्या हो गया कि सारे मुस्लिम मोदी के खिलाफ हो गए... इसी तुष्टिकरण की वजह से देश में वोट बैंक तैयार हो गया है...जिन्हें देश से अधिक मोदी को हराने की चिंता है अब ऐसे लोग भी प्रमाणपत्र बांटने लायक हो गए...
11 hrs · Like · 3

Ashutosh Mishra यह सवाल पूछना गलत हो गया कि तिरंगा के प्रतीक के रूप में केसरिया गुब्बारा कहां है..सफेद और हरा ही क्यो और बाकी रंग के क्यों नहीं... कोई जरा सा कुछ बोल दे तो वह संप्रदायिक और दूसरे सर काट ले जाएं तो कहा जाए कि भाई आपके वजह से ही हुआ नहीं तो वह भला आपका सर क्यों काटता....दिल्ली में आआप जीत क्या गई ऐसा लगता है जैसे आपातकाल लग गया हो कोई सवाल पूछ ही नहीं सकता...हद है..
11 hrs · Like · 5

Sayeed Ayub Ashutosh Mishra, मतलब जहाँ हरा दिखा, वहीं पाकिस्तान हो गया? तब तो आप को पेड़ों के नीचे भी बैठना छोड़ देना चाहिए. और इस पोस्ट को आप क्यों डिफेंड कर रहे हैं, जिन्होंने लिखा है उनको डिफेंड करने दीजिए. और शायद आपको नहीं पता है कि मैं उनका छोटा भाई हूँ.
11 hrs · Like · 4

Sayeed Ayub और यह तो मोदी से और भाजपा से पूछना चाहिए आपको कि मुसलमान उनके खिलाफ़ क्यों हैं? क्या कुकर्म उन्होंने किए हैं कि देश का एक महत्वपूर्ण तबका उनके खिलाफ़ है. और यह सिर्फ़ पिछले आठ महीनों में नही हुआ है. यह शुरू से ही है. पिछले आठ महीनों में तो वह तबका भी मोदी के खिलाफ़ हुआ है जिसने लोक सभा चुनावों में उनको वोट दिया था. विकास...विकास...विकास...का नारा लगा कर सीधे जनता को बेवकूफ़ बनाने का खेल जो उन्होंने खेला है, उसकी धमक दिल्ली में सुनाई दी है और अभी दूर तक सुनाई देगी.
11 hrs · Like · 6

Sayeed Ayub जिस तरह से किसी को मेरे प्रमाण पत्र की ज़रूरत नहीं है, उसी तरह से किसी आशुतोष मिश्रा और शोभा मिश्रा के प्रमाण पत्र की ज़रूरत केजरीवाल और उसे ५४ प्रतिशत वोट देने वाली जनता को भी नहीं है कि वह सफ़ेद, हरे गुब्बारे लगा लेंगे तो पाकिस्तानी हो जाएँगे और यह देश के लिए के खतरनाक संकेत है.
11 hrs · Like · 5

Ashutosh Mishra चुनकर केवल हरा और सफेद दिखा तो पूछुंगा ही... और जब इतनी ध्यान देने वाली बात ही नहीं थी तो सवाल पूछने वालों पर सवाल ही नहीं करना चाहिए... पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे न लगते और पाकिस्तान में खुशी न मनाी जाती तो सवाल भी नहीं पूछा जाता.. दुश्मन देश अगर खुश हो तो सवाल उठेगा ही... प्रमाणपत्र तो आप देने आए थे बंधु हम नहीं और हम किसी को देते भी नहीं आपको तो दिया भी नहीं था....केजरीवाल की जीत पर सवाल नहीं उठाया जा रहा जश्न मनाने के तरीके पर उठाया जा रहा है...और उसमें एक भी आदमी गलत ढंग से जश्न मनाता दिखेगा तो सवाल पूछा ही जाएगा कि क्यों...
11 hrs · Edited · Like · 4

Ashutosh Mishra सफेद हरे गुब्बारे लगाने से कोई पाकिस्तानी नहीं हो जाता लेकिन जानबूझकर ऐसा करने से जरूर हो जाता है कि किसी विशेष धर्म को खुश करने के लिए इस तरह का ठोग किया जा रहा है जैसा कि श्री केजरीवाल साहब ने बनारस में किया था ... गगा में नहाने के बाद आधे घंटे केवल इसलिए बिता दिए कि हरा रंग की लुंगी नहीं मिल रही थी...वह भी कोई बीजेपी वाला नहीं रवीश कुमार अपनी रिपोर्ट में बता रहे थे.... इसलिए सवाल तो उठेगा ही
10 hrs · Like · 4

Ashutosh Mishra मैं इसलिए डिफेंड कर रहा हू क्योकि र मैनें भी इस पोस्ट पर कमेंट लिखे हैं और किसी की सही बात को डिफेंड करने के लिए मुझे किसी का भाई बनने की बाध्यता नहीं है....
10 hrs · Like · 3

Ashutosh Mishra मुस्लिमों से क्या पूछुं वे तो तालीबान और आईएस के साथ भी हो जाते हैं... उनसे क्या पूछना...और रही बात विकास की तो वहतो मोदी कर ही रहे हैं लेकिन जहांं मामला मोदी विरोध का हो वहां तो लोग तालीबान से भी मिल सकते हैं उसके लिए क्या करें... मोदी ने कौन से कूकर्म किए जिसकी सजा सूप्रीम कोर्ट तक नहीं दे पाया...किसी को विरोध ही करना हो तो उसके लिए किसी बहाने की जरूरत थोड़े ही पड़ती है... जल्दी ही पता चल जाएगा और सारी गलतफहमी दूर हो जाएगी.... अभी तो 8 महीने ही हुए हैं...
10 hrs · Edited · Like · 4

Sayeed Ayub लगे रहिये मिश्रा जी....मैं ज़रा कुछ और काम कर लूँ.
10 hrs · Like · 1

Ashutosh Mishra किसी बात का कोई जवाब होगा आपके पास तब तो देंगे वैसे भी आपलोगों की बहुत जरूरत है नहीं तो मोदी को मजबूती कैसे मिलेगी....
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Shobha Mishra Sayeed Ayub, कल ज़ी न्यूज़ पर पकिस्तान की एक खबर देखकर मैंने अपनी वाल पर पकिस्तान के विरोध में ये प्रतिक्रिया दी ... आपने इस पोस्ट को व्यक्तिगत क्यों लिया ?? क्या मैं अपने विचार नहीं रख सकती ..???? आपको ये पोस्ट सांप्रदायिक कैसे लगी ..??
.. और रही बात मेरे चुनाव के बाद या पहले झुग्गियों में घूमकर जायजा लेने की तो आप मेरे घर आ चुकें हैं लेकिन शायद आपने ध्यान न दिया हो .. मेरा इलाका रेशमा कैंप, जवाहर कैंप और इंदिरा कैंप की झुग्गियों से घिरा हुआ है .. ढोल- नगाड़ों और पटाखों का जश्न और 'पकिस्तान जिंदाबाद' के नारे 10 तारीख से लेकर कल रात तक लगातार जारी है ..! पकिस्तान जिंदाबाद के नारे यहां आम बात है.. पाकिस्तानी क्रिकेट टीम भारत से जीते या किसी और देश से .. यहां दीवाली मनाई जाती है और पकिस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगतें हैं ..! मैं भी हैरान हूँ कि पकिस्तान की निंदा किये जाने पर तुम्हें इतना क्यों दुःख हुआ ...!!!
7 hrs · Edited · Like · 13

Kavita Mukhar ओह ! पकिस्तान में भी खुशी मनाई जा रही है ? क्यों ? क्योन नहीं ?
मगर खुश तो मैं भी बहुत हूं !
अर्थात मामला भारत विरोधी से दिगर, और कुछ ...
बुद्धी जीवियों ! दिमाग चलाओ !
10 hrs · Like

Shobha Mishra Sayeed Ayub, आपकी टिपण्णी ध्यान से पढ़ रही हूँ तो एक जगह आप अपने आपको मेरा छोटा भाई कहते हुए दिख रहें हैं .. क्या छोटे भाई अपनी बड़ी बहन से इस लहजे में बात करतें हैं ..? 'सादर' लिख भर देने से आदर नहीं हो जाता ..! दिल से महसूस करना होता है ..!!
ये पोस्ट बिल्कुल भी सांप्रदायिक नहीं है ..! पाकिस्तान विरोधी जरूर है ..!
10 hrs · Like · 10

Ashutosh Mishra जब आईएसआई भी बधाई देने लगे तो सचमुच मामला दिगर हो जाता है... बुद्धिजिवीयों दिमाग लगाओ..कि सारे दुश्मन देश खुश क्यों हैं...
10 hrs · Edited · Like · 4

Shobha Mishra कविता जी , दुखी तो कोई भी इतना नहीं है लेकिन खल यह रहा है कि जश्न में पाकिस्तान भी शामिल है और यहां भी कुछ लोग पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहे हैं... ऐसा क्यों ..? Kavita Mukhar
10 hrs · Like · 3

Kavita Mukhar अर्थात कोई तो है जो किसि एक पार्टी के जीत जाने या यों कहें कि किसि एक पार्टी के हार जाने पर पाकिस्तान की खुशी को जोड कर देख व दिखा रहा है !
10 hrs · Like · 1

Shobha Mishra आप मेरी पोस्ट पर शर्मिंदा और हैरान होते हैं .. होते रहिये ..! लेकिन आपका पाकिस्तान प्रेम देखकर मैं डर गई हूँ ..
10 hrs · Like · 7

Kavita Mukhar अर्थात जो भी कोई खुश है वो पाकिस्तानी ? hmmm...
now i got it. who/which party politics is behind !
dividing people on FB too !
Dangerous !
10 hrs · Like · 1

Ashutosh Mishra अब अगर दुश्मन देश खुश हो रहा है जो कि मोदी के समय खुश नहीं हो रहा था तो जाहिर है सवाल उठंगे ही.. पाकिस्तान को क्या लगा कि वह अब कश्मीर पर कब्जा कर लेगा या यहां जो पाकिसेतान जिंदाबाद का नारा लगा रहे हैं वे अपनी कौम को फिर से शक के घेरे में नहीं ले आएंगे...
10 hrs · Like · 4

Ashutosh Mishra कविता जी यह तो कोई कह ही नहीं रहा कि जो खुश वह पाकिस्तानी ... यहां तो सवाल इस बात पर है कि पाकिस्तान और यहां जो मूर्ख उसके समर्थन में नारे लगा रहे हैं उसका सबसे पहले आआप के नेताओं को विरोध करना चाहिए और कहना चाहिए कि ये भारत का आंंतरिक मामला है और भारत का विरोध करने वालों के लिए हम पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर सबके सब भारतीय हैं पहले हैं...
10 hrs · Edited · Like · 4

अभिवृत अक्षांश जिन लोगों ने अपनी भावनाएं और गौरव ही बेच खाया हो वो मूर्ख और कर ही क्या सकते हैं शोभा जी ...आपकी चिन्ता सही और ज़ायज है...
10 hrs · Like · 4

Kavita Mukhar किसी भी बात क विरोध करना अर्थात उस बात में जान फ़ूंक देना !
अब ह्में कूट्नीती समझनी होगी !
9 hrs · Like · 1

Ashutosh Mishra पाकिस्तानियों को नहीं समझा सकते लेकिन अपने लोगों को तो समझा सकते हैं... कि ऐसा मत करो इसकी प्रतिक्रिया बहुत गलत होगी... आप जश्न भी मना रहे हैं तो तिरंगे के साथ मनाइए.. इस पर सभी को गर्व होगा... लोकतंत्र में एक पार्टी की हार और दूसरे की जीत होती ही है... लेकिन ऐसा आचरण करने से महौल खराब होता है
9 hrs · Like · 4

Rajlaxmi Dubey aap log itne samajhdar hain fir social media par is tarah kee baten kyon kar rahe hain... har kisi ka haq hai vo apnee baat kahe par koi ise vyaktigat taur par le to ky kaha jaye...modi jeeten ya kejriwal kya fark padta hai hume to vikas chahiye. badlav aaya to kya badee baat janta ne apne hit kee baat soachee aur ek partee ko purn bahumat diya taki pahle jaisi halat na ho. sharm aapne chahiye aap logon ko jo is tarah kee baat karte hai...
9 hrs · Like · 6

Ashutosh Mishra अगर बात अच्छी न लगे विचार मेल न खाए तो अपने विचार स्पष्ट तौर पर रखो व्यक्तिगत आक्रमण करने पर जवाब भी वैसा ही मिलेगा...
9 hrs · Like · 4

Rajlaxmi Dubey aap logon kee baat ekdum theek hai lekin jo baat samjhna na chahe use uske haal pe chor kar aage badhna hee theek hai. bekar kee jhikjhik se aapme negative energee hee aate hai
9 hrs · Like · 3

Ashutosh Mishra आपने सही कहा लेकिन कभी कभी ऐसे लोगों को ऐसे ही भगाना पड़ता है..जबकि मन में उनके लिए कोई गलत भाव नहीं रहता है
9 hrs · Like · 5

Kavita Mukhar कुछ भी हो, इस बहस से एक बात तो साफ हुई कि कई जगह पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए। इसके पीछे की राजनीतिक मंशा भी इतनी पेचीदा नहीं कि समझ न आए।
हम वोटरों तक ये सोच पहुंचा पाएं तो अच्छा कि उन नारे बोलने वालों के पेट में रोटी / दारू किसने पहुंचाए।
9 hrs · Like · 6

Ashutosh Mishra यही बात तो समझ में आनी चाहिए इससे नुकसान किसका होगा ... देश है तो हम है हम सही हैं तो देश सही है और गलत को गलत कहने में भेदभाव कैसा...
9 hrs · Like · 9

S Chandra Sekhar जय सियाराम छोटिज्जी! कल रात से आपकी यह पोस्ट देख रहा हूँ, टिप्पणियाँ पढ़कर सकते में हूँ ! दुख और क्रोध इस बात पर है कि राष्ट्रहित के संदर्भ में कोई भी बात कही जाने पर उसको तुरंत सांप्रदायिकता से क्यों जोड़ दिया जाता है ? और ऐसा हमेशा से होता आया है, क्यों ?
9 hrs · Like · 8

Shobha Mishra Sekhar भैया , मैं खुद सकते में हूँ .. दुखी भी हूँ !! अभिव्यक्ति में ऐसा व्यवहार बरतना हमारे संस्कार में नहीं है .. !! ये पोस्ट कैसे किसी को सांप्रदायिक लग सकती है .. ?? समझ नहीं पा रहीं हूँ .. !!
8 hrs · Like · 11

Kavita Mukhar पोस्ट साम्प्रदायिक नहीं है, पोस्ट तो साम्प्रदायिकता पर प्रश्न है। सिक्के के दोनों पहलू पर बहस हो तो बात गहरे पैठती है।
8 hrs · Like · 2

मानस मित्र शोभा जी, आश्चर्य है कि देश के दिल पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाये जा रहे हैं, और देशवासी उसका विरोध करें तो साम्प्रदायिक ? जबकि आपकी पोस्ट में उठाये गये संशय वास्तव में राष्ट्र के भविष्य पर गम्भीर सवाल हैं! एक भारतवासी होने के नाते मैं भी आहत हूँ। सादर.
8 hrs · Like · 10

Kavita Mukhar ' कौन है वे लोग? किसकी पराजय पर खुश हैं? '
हम भारतीय, हम आम नागरिक हैं वे लोग।
उस 9 महीने की बडबोली, अहंकारी व जुमलों की पार्टी के हार पर खुश होने से ज्यादा एक इमानदार, वैकल्पिक पार्टी की जीत पर खुश हैं।
8 hrs · Like · 3

Ashutosh Mishra बात खुशी की नहीं और इस बात पर अलग से बहस हो सकती है कि मोदी ने क्या किया क्या नहीं किया.. यहांं मामला अपने देश में अपने नागरिकों द्वारा पाकिस्तान के पक्ष में नारा लगाने से है...
8 hrs · Like · 7

Ashutosh Mishra ईमानदार और वैकल्पिक पार्टी मत बोलिए अब इसमें कई दागी और मक्कार लोग भर गए हैं..
7 hrs · Like · 5

Ashutosh Mishra आता हूं थोड़ी देर में
7 hrs · Like

DrKavita Vachaknavee जिन्हें इस पोस्ट को पढ़कर शर्मिंदगी अनुभव हो रही है उनकी पाकिस्तानभक्ति को देख कर तुम्हें शर्मिन्दा होना चाहिए, शोभा। और घोर सांप्रदायिकों के द्वारा थोक के भाव दिए जाने वाले लाईसेन्स असल में उनके पंजे साम्प्रदायिकता के खून में रंगे होने की ही पुष्टि करते हैं। अपनी रक्त पिपासा में वे तुम्हारा मेरा या किसी कथित आत्मीय या मित्र तक का लिहाज नहीं करते तो सोचो देश की सबसे बड़ी आबादी का रक्त निचोड़ पीने में वे कितने अग्रणी होंगे।
7 hrs · Edited · Like · 8

Shobha Mishra बिल्कुल ! हम भी खुश है .. अपने देश के लिए लेकिन देश के गद्दार क्यों खुश हैं , और पकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाकर क्या साबित करना चाहते हैं ..??
ऐसे संदिग्ध लोगों को पहचानने की जरुरत है राष्ट्रहित के लिए ! Kavita Mukhar जी ..
7 hrs · Like · 9

Vandana Singh यह कोई पहली बार तो नहीं हो रहा है हा ँ अब प्रतिक्रियाएँ मुखर हो गयी हॅ। पाकिस्तान की ख़ुशी तो समझ में आती है उसे तो निर्बल भारत ही पसंद आएगा।
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Kavita Mukhar अरे भई। बात आपकी मेरी नहीं है। वो तो नई पार्टी का नया जोश है, जब तक कोई बहुत बड़ा घोटाला सामने नहीं आता।
मगर दिल्ली में अभी क्या हुआ? चुनाव। कितनी पार्टियों के बीच। कम-से-कम तीन राष्ट्रीय। जब एक पार्टी अप्रत्याशित रूप से जीतती है तो खुशी मनाएगी ही। उनको वोट देने वाले भी।
7 hrs · Like · 2

Shobha Mishra हम राष्ट्रहित की बात करें तो सांप्रदायिक , हम अभिवादन करने के लिए 'जय सियाराम ' कहें तो सांप्रदायिक , हम अपने त्योहार बिना हिंसा के मना लें तो सांप्रदायिक ..!!
क्या क्या समझ लेतें हैं ये डरे हुए असुरक्षा भाव से भरे हुए लोग DrKavita दीदी ..!
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Shobha Mishra Ashutosh भाई , अब रहने दीजिये .. बहस को विराम देना ही उचित है ..!
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Ashutosh Mishra haan aap thik kah rahi hain humlogon jintak apni baat pahunchani thi pahuncha di....hum baat kar rahe pakistaan jindabaad kyuon log samajhte hue bhi nahi samjhne ka natak kar rahe hain to kahan tak bahas ki jaye...
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Prabhakar Dhar Dwivedi सही बात।।। नयी पार्टी अब 5 साल पार्टी ही मनाएगी..
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Manju Singh Dhaka Siya Choudhary didi ab to maan lo meri post sahi thi ki nahi ..Delhi walo Ne kiya h aankho dekha hal ko describe Pak jindabad ke naare b samil...Maaf karna but sab sawalo ka jwab h Esme ...
Praying for the country
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Sayeed Ayub Wah ji, ab main pakistan bhakt aur pakistan premi bhi ho gaya. Wah ji, kisi ki saampradaayik post ka virodh kijiye to aap logon ke pas ek hathiyar hai ki use desdrohi aur pakistani ghoshit kar dijiye. Lage rahiye aap log apni apni desh bhakti men aur khush rahiye.
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Annapurna Bajpai सही कहा , शोभा आपने ! ये भितर-घातियों से घिरे हमारे राष्ट्र प्रहरी आज भी असूरक्षित ही हैं । ये मौका परस्त लोग है जो कभी इधर और कभी उधर की रणनीति खेलते है । साथ ही यहाँ एक बात और साफ तौर पर परिलक्षित हुई वह ये - भाजपा की शशक चाल और उसके बाद कुछ सुस्ताना उसको महंगा पढ़ गया फलतः कछुआ बाजी मार ले गया ।
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Shobhana Mittal shobha ji is baat se sahmat hoon ,agar is taraf ishara bhi karo to hamen sampradaayik karaar de diya jata hai . Hamara media aur isse jude log is bhayanak sachchai se aankh bad kar ke is so callled secular ka gungaan kar rahe hai ,
6 hrs · Like · 5

Shobha Mishra बिल्कुल सही कहा आपने Annapurna जी .. अतिआत्मविश्वास , शशक चाल और सुस्ताना ..! अभावग्रस्त जनता की उम्मीदों पर खरा न उतरना हार की वजह है ..!
6 hrs · Like · 5

Ashutosh Mishra उल्टा चोर कोतवाल को डांटे .. जन्म यहींं हुआ यहीं के नागरिक चुनाव भी यहीं अपने देश की राजधानी में लड़ा गया जीती भी अपने ही देश की पार्टी लेकिन पाकिस्तान जिंदाबाद कहने पर सवाल उठाने वालों को ही मुजरिम ठहरा दिया जाए ...हद है सेकूलरों कि इससे अच्छा तो मैं संप्रदायिक ही सही....
6 hrs · Like · 8

Shobhana Mittal isi 'sudo secularism' ne desh ko barbaad kiya hai , aap congress ke kaam ko aage badhayegi , kuchh letre paani par phir bik gayi Dilli
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DrKavita Vachaknavee पाकिस्तान जिंदाबाद के नारों का विरोध करने पर जिन्हें शोभा या दूसरे सांप्रदायिक लग रहे हैं, वे पाकिस्तान भक्त ही तो कहे जाएँगे, अन्यथा पाकिस्तान समर्थक नारों का विरोध साम्प्रदायिकता क्यों लगता ?
5 hrs · Like · 4

Shobha Mishra Ashutosh Mishra भाई, DrKavita दीदी और मेरे सभी प्रिय मित्र ..अब इस बहस को यहीं ख़त्म करतें हैं आभार आप सभी का ..!
5 hrs · Like · 4

Ashutosh Mishra हां हमारे तरफ से बहस समाप्त ही थी अब कोई बीच में आकर बकवास करेगा तो भी जवाब नहीं दूंगा .... सब समाने आ ही गया है कि कौन क्या है...
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Sayeed Ayub Nahi, nahi please aap log bahas band na karen. Ap logon ke sadbichaaron ko sun sun kar bahut gyan mil raha hai mujhe. Pakistan premi yani desh drohi aur chor to main ho hi chuka, aur kya kya hun yah jaanne men aap log madad kar sakte hain. Main bakvaas isliye kar raha hun ki aap logon jaise sant mahatamaon ke sad vichaar mujhe milte rahe aur gyan prapt hota rahe.
3 hrs · Like · 2

Sanjay Mishra ये बी जे पी की हार नहीं बल्कि राष्ट्रद्रोहियों की आंशिक जीत है।खैर कश्मीर में बी जे पी सत्ता में आ रही है।रास्त्रवादियों का विरोध करने वाले सांप्रदायिक हैं।मुस्लिम्स से बी जे पी को वोट करना खुदा से गद्दारी कहने वाले सांप्रदायिक हैं।मुस्लिम्स के मन में बी जे पी का झूठा डर दिखाकर अपना उल्लू सीधा करने वाले राष्ट्रद्रोही हैं।
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@Ashok Kumar Pandey यह भयानक साम्प्रदायिक और घृणित ही नहीं, ग़रीब विरोधी पोस्ट है. क्या सिर्फ मुसलमान ही रहते हैं झोपड़ियों में? और आप लोग कहाँ थे जब इसी दिल्ली में दंगों की कोशिश की जा रही थी? जनता के निर्णय कुंठित साम्प्रदायिकों से कभी बर्दाश्त नहीं होते. आज कैसे हो जाते? खैर ये जनता है, सर पर बिठाती है तो ज़मीन पर भी पटकती है. सईद जैसे व्यक्ति पर ऐसे घटिया हमले करने वाले लोग विकृत मानसिकता के ही हो सकते हैं.
2 hrs · Like · 4

Shobha Mishra Ashok Kumar Pandey, अगर मेरी वाल पर अपने विचार रखने हैं तो सभ्य भाषा का इस्तेमाल करें कृपया ..!! किसे कुंठित सांप्रदायिक कह रहें हैं ..??? झुग्गी झोपड़ी में सिर्फ मुसलमान नहीं रहतें हैं लेकिन 'पकिस्तान जिंदाबाद' के नारे सिर्फ मुसलमान ही लगा सकतें हैं ..!!
किसे आप विकृत मानसिकता का कह रहें हैं ...??
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Ashok Kumar Pandey सभ्यता मुझे आपसे या किसी से नहीं सीखनी. जिस वाल पर सईद जैसे मित्र पर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हों उस पर ये शब्द स्वाभाविक हैं. काश आपको उन आरोपों में अभद्रता दिखती. क्या यह अभद्रता का चयनित रूप बताने के लिए काफी नहीं है कि यह किस क़दर कुंठित साम्प्रदायिक मानस है जो पाकिस्तान जिंदाबाद के वे नारे सुन ले रहा है जो किसी और को नहीं सुनाई देते?
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Shobha Mishra Sayeed Ayub, मेरी मित्र सूची में करीब 1000 मित्र है .. मैं बहुत मित्रों की पोस्ट से सहमत नहीं होती .. इग्नोर करती हूँ ... जैसे अभी आपकी किरण बेदी वाली पोस्ट से सहमत नहीं हूँ ... एक शिक्षित, समृद्ध, संस्कारी महिला के लिए आपने बेहद घटिया भाषा में अपने विचार व्यक्त किये हैं ... लेकिन मैं तो आपकी पोस्ट पर आकर हंगामा नहीं कर रही ...!! आप मेरी पोस्ट से सहमत नहीं थे तो सभ्य भाषा में अपने विचार रख सकते थे ..!! लेकिन आपने कैसी भाषा का प्रयोग किया है ..?
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Ashutosh Mishra शोभा जी आप भी किनसे बात कर रही हैं... यह वही हैं जो अपने को प्रगतिशील कहलाने के चक्कर में में अपने मां बाप का धर्म परिवर्तन करवा दें.. उन अंजुम उर्फ देवरची को इग्नोर कीजिए...
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Shobha Mishra जो भारत पाक युद्ध पर भारत के सर कटे सैनिको की मृत्य पर जश्न मनाते उन्हें भला पकिस्तान जिंदाबाद के नारे कैसे सुनाई देंगें ..! मैं आपको किसी सफाई क्यों दूँ ..? कौन हैं आप ..!! Ashok Kumar Pandey
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Ashok Kumar Pandey समृद्ध होना सम्मानित होने का बाईस होता है? धन्य है आपकी समझ! और जिसे सिर्फ सहमत होना और सहमति सुनने की आदत हो उसे पब्लिक प्लेटफार्म पर या तो लिखना नहीं चाहिए या फिर यह नोट लगा देना चाहिए कि जो सहमत न हों वे इग्नोर करें. किसी की वाल उसकी निजी संपत्ति नहीं. यहाँ लिखा सार्वजनिक है और अगर वह आपत्तिजनक है तो उस पर असहमति जताने का हक़ सबको है.
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Ashok Kumar Pandey जिन्हें हत्यारे और चार-पांच बच्चे पैदा करने की सलाह देने वाले संत न दिखें उन्हें कुछ भी सुनाई पड़ सकता है. और हैं तो आप भी कौन?
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Shobha Mishra किसी की वाल किसी की निजी संपत्ति नहीं महोदय लेकिन जो भाषा और व्यवहार हमारे संस्कार में है उसकी भाषा और संस्कार के साथ सहमति या सहमति की उम्मीद रखती हूँ अपने मित्रों से अपनी वाल पर ...! बेहतर होगा आप यहाँ से विदा ले लें ..!!!
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Shobha Mishra जिन्हें जो दिखना है दिख रहा है .. दिखने न दिखने का सर्टिफिकेट देंगें आपको ...???????
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Ashutosh Mishra इनके बारे में ऊपर ही लिख दिया है... इनको बाहर का रस्ता दिखाइए ये इसी लायक है.. इनके पास प्रमाणपत्र की फ़ैक्ट्री है झट से निकाल देते है... इसे हटा दीजिए...
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Ashok Kumar Pandey सर्टिफिकेट न आप देंगी, न मैं. विदा लेना है तो अमित्र कीजिए. सार्वजनिक घृणा के प्रचार का हम जैसे हर हाल में विरोध करेंगे ही. संस्कार के राग न अलापिये. आपके साम्प्रदायिक संस्कार यहाँ साफ़ दिख ही रहे हैं. भाषा मुझे आपसे नहीं सीखनी. आपसे बेहतर तो कम से कम आती ही है. सच भाषा का मुहताज नहीं होता, झूठ को ज़रुरत पड़ती है अपने ऊपर मिठास की परतें लगाने की.
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Shobha Mishra ये पोस्ट यूँ के यूँ ही रहेगी .. 100% खरी पोस्ट .! मेरे विचार है .. किसी के साथ अभद्रता नहीं की है .. आप लिखते रहिये जो लिखना है .. अभद्रता पहले सईद ने की अब आप कर रहें हैं ...
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Ashok Kumar Pandey तो इस अभद्र पोस्ट पर हमारा रिएक्शन भी ज्यों के त्यों रहेगा. 100% खरा रिएक्शन. आपको जो लगना है लगता रहे!
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Ashutosh Mishra ये आ गए एक और प्रगतिशील सवाल उठाया जा रहा है कि अपने ही देश का नागरिक अपने ही देश के चुनाव में अपने ही देश के पार्टी के जीतने पर पाकिस्तान जिंदाबाद क्यों कर रहा है और रंग का उपयोग धर्म विशेष को रिझाने के लिए किया जा रहा है तो पोस्ट संप्रदायिक और गरीब विरोधी हो गई... क्या गरीब होने से देश को गाली देने का हक मिल जाता है...
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मीनाक्षी मिश्रा वाह .. पाकिस्तान जिंदाबाद नारे का विरोध होने पर वह साम्प्रदायिकता से जोड़ दिया जाता है !!
जाओ भाई पाकिस्तान में रहो और रोज़ नारे लगाओ !!
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Ashutosh Mishra रही बात सईद जी की उन्होंने जिस सभ्य भाषा में कमेंट किया उन्हें वैसी हा भीषा में जवाब दिया गया... और यहां जो जिस भाषा में बात करेगा उसके साथ वैसी ही भाषा में जवाब दिया जाएगा ... और पाकिस्तान जिंदाबाद करने वालों का विरोध जमकर होगा और देशद्रोहियों के साथ क्या जाता है ये शायद समझाने की जरूरत नहीं है किसी को... सईद जी केवल यह बात कहते कि अगर किसी ने जश्न मनाते समय पाकिस्तान जिंदाबाद कहा है तो बिल्कुल गलत है और उसे सिरे खारिज करते तो बात कुछ समझ में आती लेकिन उन्होंने तो शोभा जी को झूठा ही करार दिया ...
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Ashutosh Mishra ऐसे ऐसे जाहिल पड़े हैं जिन्हें संप्रदायिकता का अर्थ पता नहींं वे अपनी तरफ से बकवास करने लगते हैं... संस्कार बचपन में सिखाया जाता है बुढ़ापे में नहीं ....अब क्या ऐसे दिन आ गए हैं कि आइएस और तालीबान पर चुप्पी साधने वालों से संप्रदायिकता का पाठ पढ़ा जाए...
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अभिवृत अक्षांश शोभा जी आप पूर्ण रूपेंण सत्य हैं और जो लोग अपने देश के नहीं हो सकते वो किसी के भी नहीं हो सकते...दूसरी बात किसी भी पोस्ट का भद्र या अभद्र होना किसी केवल व्यक्ति की कुत्सित मानसिकता पर निर्भर करता है ...ऐसे मूर्खो के लिए लिखा है किसी ने कि " जिसको न निज गौरव तथा निज देश पर अभिमान है, वह नर नहीं पशु निरा है और मृतक समान है" .
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Sanjay Mishra सच लिखने से अशोक को इतनी तिलमिलाहट क्यों हुई?
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Ashutosh Mishra एक कविता पढ़ी थी कवि सुरेंद्र शर्मा जी की ...देशद्रोही के बारे मे.. पूरी तो याद नहीं लेकिन फिर भी कोशिश करता हूं..श्मशान घाट पर एक चंडालिन(उनकी भाषा है और मेरी नहीं) जली चिता से बने कोयले परएक मानव खोपड़ी में कौवे का मांस पत्ते से ढक कर पका रही थी,,. एक पथिक उधर से गुजरा उसे हुआ आश्चर्य उसने पूछा ऐसी जगह पर ऐसे पात्र में ऐसे निकृष्ट मांस को पका रही हो वह भी पत्ते से ढक कर... इसे कौन खाएगा.... उसने जवाब दिया कि ढका इसलिए है कि किसी देशद्रोही की छाया इस पर न पड़ जाए (कविता की लाइन परी तरह याद नहीं है, लेकिन थी ऐसी ही)
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Ashutosh Mishra सच लिखने पर सबसे अधिक तिलमिलाहट किसे होती है... और किसे होनी चाहिए...
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Sanjay Mishra धार्मिक और जातीय आधार पे वोट देने या ना देने की अपील करने वाले थोक में मिले एक सम्प्रदाय विशेष के वोटों से दिल्ली में सत्ता क्या पा गये ।भारत विरोध भी मुखर हो गया है,पाकिस्तान को भी उम्मीद बंध गयी है कि कम से कम भारत में भी उसके कश्मीर पे रुख का समर्थन करने वाले आ गए है।
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Ashutosh Mishra वही तो और पोस्ट पर उसी पर सवाल उठाए गए और विरोध किया गया लेकिन तिलमिलाहट तो देखिए ऐसा लग रहा जैसे पाकस्तान और देशद्रोहियों के प्रवक्ता हों.. और डरा धमका कर गुंडई करके किसी को उसके द्वारा पोस्ट पर उठाए गए वाजिब सवाल को दबा कर पीूछे हटने पर मजबूर कर देंगे... बहुत आए और बहुत गए...
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Sanjay Mishra लोकसभा चुनाव की करारी हार के बाद से मनोविक्षिप्तता की अवस्था में पहुँच चुके लोगों को दिल्ली की जीत से मृत संजीवनी मिल गयी लगती है।झुण्ड में शेर का शिकार करने चले है इस बार भागने भी नहीं देगी जनता।ं
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Ashutosh Mishra गरीब विरोधी पोस्ट क्या मुसलमान ही रहते हैं झुग्गियों में... अपने और कुछ मिलते जुलते लोगों के अलावा दूसरे धर्म का अगर एक भी व्यक्ति दिखा दो जो पाकिस्तान जिंदाबाद कहता हो... कहने की तो बात ही छोड़ो सोचते हुए भी दिखा दो मान जाउं ... कुछ भी बकवास...बस मुंह में आया बक दिया.. खाता न बही जो हम बोलें वही सही..
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Shobha Mishra कैसे विचार हैं इन लोगों के ..?? किसी पोस्ट पर सलाह कर के कैसे हमला कर सकतें हैं ये ..?? जबकि मैंने इस पोस्ट पर मदद के लिए किसी को नहीं बुलाया .. !! सईद ने इस पोस्ट को व्यक्तिगत क्यों लिया ??
हद्द है !! ये तो नंगई पर उतारू हैं ... !! ये तरीका जानतें हैं महिलओं को मानसिक रूप से तोड़ने का .. !!
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Ashutosh Mishra उनको पता नहीं है कि यहां और भी लोग हैं जो किसी की गुंडई नहीं चलने देते चाहे वह जो भी हो... अपने बारे में इतनी गलतफहमी कैसे हो गई है...कि कुछ भी बकेगे और लोग मान जाएगे... फेसबुक के बाहर भी बहुत बड़ी दुनिया है..
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Ashutosh Mishra जिसकी सोच और मानसिकता देश विरोधी होगी वही इस पोस्ट को व्यक्तिगत रूप से लेगा.... बड़े बड़ों के नकाब उतर जाते हैं... उतर गया नकाब प्रगतिशील और वामपंथी होने का...
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Sayeed Ayub Shobha Mishra ji, मैं यहाँ से हट गया था. आप और आपके इन मिश्रा बंधुओ से माथा फोड़ने का मेरा कोई इरादा नहीं था. पर आपने टैग कर के बुलाया है तो अंतिम टिप्पणी के लिए आया हूँ. मेरी लिए अच्छी बात यह रही कि आज आपकी असलियत खुल कर सामने आ गयी. पहली बात यह कि यह पोस्ट घोर साम्प्रादायिक है और इस बात को हज़ार बार कहना हो तो कहूँगा. साथ ही यह पोस्ट झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले सभी लोगों और 'आप' के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपनी चपेट में ले रही है और सबको पाकिस्तान प्रेमी बता रही है. हिन्दुस्तान में किसी को पाकिस्तान प्रेमी कहने का सीधा सा अर्थ है उसे देश-द्रोही कहना. मुझे हैरानी इस बात पर हुई कि आप झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाली लड़कियों और औरतों के लिए काम करती हैं और आप सब झुग्गी-झोंपड़ी वालों को एक स्वर में देश-द्रोही घोषित कर रही हैं? ऐसा लिखते हुए आपने एक बार भी सोचा कि आप क्या लिख रही हैं? आप इन गरीब लोगों का कितना बड़ा मज़ाक उड़ा रही हैं? आप जो बात अपने किसी मित्र की पोस्ट पर संकोच वश नहीं कह पायीं, उसे सरे आम पब्लिकली कहने में आपको रत्ती भर संकोच नहीं हुआ? मोदी की हार की तिलमिलाहट इतनी ज़्यादा है कि होश भी नहीं है कि क्या लिखा जा रहा है? सीधे-सीधे संघी हो जाने में कोई बुराई नहीं है. मेरे बहुत सारे मित्र मोदी को मानते हैं, स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में जाते हैं. मैं उनका सम्मान करता हूँ. वे जो भी हैं सीधे-सीधे सामने हैं. पर मैं ऐसे लोगों का सम्मान बिल्कुल नहीं कर सकता जिनके खाने और दिखाने के दो-दो अलग-अलग दांत होते हैं. इतने सालों से छुपाते-छुपाते भी आखिरकार आपके मन की बात इस पोस्ट पर आ ही गयी. रह गयी कि छोटा भाई होकर इस तरह की भाषा की बात और सम्मान की बात....सम्मान पाने वाला व्यक्ति सम्मान अर्जित करता है. आप लगातार अनर्गल टिप्पणियाँ कर रह रही हैं, आपके मित्र और बंधु, यहाँ इस पोस्ट पर मुझे देश-द्रोही और चोर कह रहे हैं, और आप उनका खंडन करने के बजाए, उनकी टिप्पणियों को लाइक कर रही हैं और ऊपर से सम्मान पाने का दावा भी कर रही हैं? हद है भलमनसाहत की. और मेरी वाल पर आकर इग्नोर करके निकल जाना...इग्नोर वह करता है जिसके पास तर्क नहीं होते हैं? हंगामा वह खड़ा करता है जिसके पास हंगामा खड़ा करने की क्षमता होती है. आईये उस पोस्ट पर और मैंने जो लिखा है उसे गलत साबित कीजिए. वहाँ यह भी देख लीजियेगा कि उस पोस्ट के अब तक २५ शेयर हो चुके हैं, लगभग ८० कमेंट हैं और २०० के आस-पास लोगों ने उसे पसंद किया है. और उनमें से अधिकाँश ऐसे हैं जिनका नाम अरबी-फ़ारसी के शब्दों से नहीं बना है बल्कि संस्कृत के शब्दों से बना है. मैं अब विदा लेता हूँ, आप लोग अपनी चिल्लपों मचाये रखिये. आप लोगों को आपका राष्ट्रवाद मुबारक हो और अपनी-अपनी तिलमिलाहटें भी.
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Shobha Mishra तिलमिलाए आप .. ! और तिलमिलाने का तरीका भी असभ्य था .. !! हाँ .. झुग्गी-झोपडी की महिलाओं-लड़कियों के लिए काम करती हूँ .. करती रहूंगी .. लेकिन देश में ही रहने वाले देश द्रोहियों का समर्थन नहीं करुँगी !! संघी की परिभाषा क्या है मैं नहीं जानती लेकिन मोदी समर्थक नहीं हूँ ये आपसे किसने कह दिया और क्यों भला से छिपाऊँगी .. कि मैं किसका समर्थन करती हूँ ..!! Syeed
19 mins · Like · 1

Shobha Mishra अपनी भाषा देखिये .. शुरू के कमेंट्स से लेकर अभी तक ..
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Sayeed Ayub किसी के कहने से नहीं, मोदी की हार पर आपकी तिलमिलाहट बता रही है कि आप किसकी समर्थक हैं. और आप यह जो बार-बार मुझे असभ्य और देश द्रोही कह रही हैं यह बता रहा है कि आप कितनी सभ्य हैं. आपको आपकी सभ्यता मुबारक. हैरान हूँ कि मुझ असभ्य की असभ्यता आपको पिछले तीन सालों में नहीं दिखाई दी.
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Sayeed Ayub आप अपनी भाषा देखिये. मुझे भाषा का ज्ञान मत दीजिए. आपके ज्ञानार्थ बता दूँ कि भाषा ही पढ़ाता हूँ मैं और वह भी हिंदी और जो लिख रहा हूँ, वह हिंदी में ही लिख रहा हूँ.
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Shobha Mishra मैं भी हैरान हूँ कि आप को अचानक मैं असभ्य क्यों लगने लगी .. दीदी कहकर मन में क्या रखे हुए थे ... !! किसी के समझाने पर विश्ववास नहीं किया था .. भुगतकर किया .. !!
14 mins · Like · 1

Shobha Mishra मोदी की हार या केजरी की जीत से मैं क्यों तिलमिलाउंगी .. लेकिन पाकिस्तान विरोधी पोस्ट पर आपका तिलमिलाना बहुत कुछ दर्शाता है .. !!
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Ashutosh Mishra देशद्रोही कहा गया पाकिस्तान जिंदाबाद कहने वालो को ... कोई और तो नहीं तिलमिलाया... भाषा पढ़ाने से सभ्यता थोड़े ही आ जाती है....
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Sayeed Ayub दीदी कह कर मन में दीदी ही रखा था. यह आपने शुरू किया और आपके इस मिश्रा बन्धु ने. मैंने आपके पोस्ट का विरोध क्या किया, आप सब अनाप-शनाप जो मन में आया बोलते गए? मैं देश-द्रोही हूँ? सब मुझे देश-द्रोही कह रहे हैं, और आप लाइक पे लाइक किए जा रही हैं. खुद भी कर...See More
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Shobha Mishra बहस ख़त्म करतें हाँ आशुतोष भाई .. सबके मुखौटे उत्तर गएँ हैं .. !!
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Ashutosh Mishra मैंने क्या शुरु किया भाई आप सरेआम किसी को झूठा बनाए दे रहे हैं तो जवाब भी नहीं दिया जाए क्या... और जबाव दिया जाए तो तो अनाप शनाप कहें और सोचें कि सामने वाला चुप रह जाएगा जवाब नहीॆ देगा तो ऐसा सोचना ही गलत था...
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Upadhyaya Pratibha, Rajendra Singh, Anil Mittal and 9 others like this.


Girijesh Tiwari मलंग आदम - ·
पकिस्तान जिंदाबाद.......
क्या मैं देशद्रोही हो गया????
पकिस्तान मुर्दाबाद.....
क्या यह जुमला मेरे देशभक्त होने का पर्याय है??
गोडसे की मूर्ति बनाने वालों के इस राष्ट्रवादी खेमे की घृणित काबिलियत पर मुझे तो पूरा भरोसा है और आपको??
आ आ पा के विजयोन्माद में हरे सफेद गुब्बारे को सांप्रदायिक रंग में रँगने का षड्यंत्र रचने वाले राष्ट्रवादियों तुम्हे "घरवापसी" " हिन्दू जनसंख्या विकास के लिए चार से दस प्रजनन का आह्वाहन" "वैश्विक परिदृश्य में कपड़ों तक को विज्ञापन का आधार बना लेने की सतही और विद्रूप मानसिकता" और " गुजरात से मुजफ्फर नगर और कांठ तक" कुछ नहीं दिखता क्या????
राष्ट्रभक्ति किसी देश या काल के समर्थन या विरोध की मोहताज नहीं होती......
February 13 at 1:22am · Like · 6


Girijesh Tiwari Sayeed Ayub - एक साम्प्रादायिक पोस्ट को मैंने साम्प्रादायिक क्या कह दिया, पोस्ट की लेखिका और उनके भाई-बन्धु-बहनें दोपहर से ही मुझे पाकिस्तानी, पाकिस्तान-प्रेमी और देश-द्रोही कह रहे हैं.
मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मैं हँसु या अपना सर नोच लूँ.
February 13 at 1:28am · Like · 6


Girijesh Tiwari Ashok Kumar Pandey - अगर आप देशद्रोही हैं तो मैं भी हूँ...
पाश याद आ रहे हैं...तर्क कर दो उस देश की मेरी नागरिकता..
... ठेंगे पर रखे जाएँ इनके प्रमाणपत्र और जो सही लगे वह पूरी ताक़त से किया जाय. यही है असली जवाब. बाक़ी सुना तो वहीँ आया था मैं भी.
February 13 at 1:53am · Edited · Like · 6


Girijesh Tiwari Rashmi Bhardwaj - अगर आप देश द्रोही हैं ... तो मुझे भी उसी जमात में शामिल माना जाए ।
... यह बहुत ही दुखद और शर्मनाक है और इस तरह सार्वजानिक रूप से किसी को सिर्फ इसलिए देशद्रोही पुकारना क्योंकि वह मुसलमान है मेरे ख्याल में एक कम अक्ल इंसान का निर्लज्ज दुस्साहस है ऐसे लोगों को भारतीय कहना भी देश का अपमान है। हमारी धर्म निरपेक्ष प्रजातान्त्रिक छवि का अपमान ...न तो इन्हें साहित्य या समाज का ज्ञान है ना ही राजनीति की समझ । इन्हें जरा भी समय देना या इन जैसों की पोस्ट पर जाना ही समय और ऊर्जा का क्षय है।
February 13 at 1:52am · Edited · Like · 5


Girijesh Tiwari Basant Jaitly - साम्प्रादायिक पोस्ट को साम्प्रादायिक नहीं कहेगे तो क्या कहेंगे ? कहने दो . इनका कोई इलाज़ नहीं है.और हम लोग भी लाइलाज हो चुके हैं सो फर्क नहीं पड़ता अब ... शुरू में थोड़ा अजीब लगता था लेकिन अब नहीं लगता.
...उनसे कहो कि मेरे साथ और बहुत से ऐसे देश द्रोही हैं ... इतने कि गिनना असम्भव है.
February 13 at 1:51am · Edited · Like · 4


Girijesh Tiwari Purushottam Agrawal - तुम्हारा दुख समझ सकता हूँ सईद। यह तो शुरुआत है, गरीब के आत्मरेखांकन से होने वाली तिलमिलाहट के और भी रूप सामने आएंगे। साथ ही समाज में फैलती जा रही संवादहीनता के भी। प्रमाण पत्र तरह तरह के बँटते हैं भैया कोई देशभक्ति का ठेका लिए बैठा है तो कोई प्रगतिशीलता का। आज तुम्हें देशभक्ति वालों ने घेरा है, भगवान ने चाहा तो कल प्रगतिशीलता के ठेकेदार भी घेरेंगे।
क्या करोगे सईद? आँसू धोती हँसी हँसो और अपना काम करते रहो।
चीयर अप
February 13 at 1:50am · Like · 4


Girijesh Tiwari Avinash Das - आपने बिल्कुल सही जवाब दिया और कहीं भी अमर्यादित नहीं हुए। जिनकी सोच इतनी जहरीली हो कि मुसलमान हैं इसलिए पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हैं - उनसे क्या बहस करनी। बात भी नहीं करनी। चमड़ी की दो परत नीचे लोग कितने कट्टर होते हैं - यह सामने आ जाए तो रिश्तों में सावधानी के लिए बहुत लाभप्रद होता है। बाकी हर मुल्क की जनता के लिए मेरी तरफ से इनकलाब जिंदाबाद।
February 13 at 1:54am · Like · 4


मलंग आदम And where was this type of bloody patritism when the Pakistani PM was invited and dignified by your so called nationalist p.m. Modi in his vow gala.......
February 13 at 1:59am · Unlike · 3


Ashutosh Mishra · Friends with अरुण चवाई and 152 others
गिरजेश तिवारी जी आपको सीधे-सीधे पोस्ट पर आकर बात करनी चाहिए थी.. यहां आप जो कर रहे हैं वह न तो कानूनी रूप से उचित है ना ही नैतिक रूप से अगर कोई सवाल पाकिस्तान जिंदाबाद के ऊपर उठाया जाता है तो इतना दर्द क्यों... वह भी इसलिए नहीं कि पाकिस्तान के साथ हमारे संबध खराब हैं बल्कि इसलिए कि अपने ही दशे के नागरिक पाकिस्तान जिदाबाद के नारे लगा रहे हैं... और पूरी पोस्ट या कमेंट में सईद जी को कब किसने देशद्रोही या पाकिस्तनी भक्त कहा बताइए...बात तो उन्होहोंने ही शुरु की बजाय यह कहने की ऐसा करने वाले सही नहीं कर रहे है पोस्ट को ही संप्रदायिक और झूठा करार दे रहे थे...और भाषा भी बहुत अच्छी थीं उनकी, उसी की जवाब मिला लेकिन उसे घुमा कर मुस्लिम कार्ड खेलाना शुर कर दिया... ऊपर से जब बहस वहीं समाप्त हो तो एक और प्रमाण पत्र देने पहुच गए...
February 13 at 2:39am · Like · 1


Ashutosh Mishra · Friends with अरुण चवाई and 152 others
यह सवाल उठाना कि पाकिस्तान जिंदाबाद क्यों संप्रदायिक कब से हो गया..
February 13 at 2:40am · Like · 1


Ashutosh Mishra · Friends with अरुण चवाई and 152 others
जबकि कई बार लिखा गया कि बात केजरीवाल के जीतने या मोदी के हारने की नही हो रही है बात हो रही है जश्न मनाने के तरीके पर ... लेकिन नहीं हम तो सुनेंगे ही नहीं पोस्ट संप्रदायिक है और लोग झूठ बोल रहे है... और जब इस तरह से बात की जाएगी तो जबाव भी मिलेगा.. अब अपने ही देश के नागरिक का पाकिस्तान जिंंदाबाद करने का समर्थन तो नहीं किया ज सकता... अब उसके पक्ष में चाहे जो खड़ा हो...अब जिसे विक्टिम कार्ड खेलना हो खेले और जिसे पोस्ट पर कही गई सारी बात उसके स्वयं के लिए कही गई लगती हो तो क्या कहा जाए... जबरदस्ती किसी के हां में हां तो मिलाया नहीं जा सकता...
February 13 at 2:47am · Like · 2


Ashutosh Mishra · Friends with अरुण चवाई and 152 others
यह कौन सी भाषा है... साम्प्रदायिकतावादी किस तरह से किन शब्दों में और कैसे भावावेश में अपमानित कर रहे हैं. इनके मुँह से 56 इंच के छाती वाले की ज़हरीली जबान नफ़रत भरे शब्दों के साथ बाहर आ रही है. इनको केवल ये ही भारतीय दीखते हैं और सभी जनपक्षधर बुद्धिजीवी, सभी मुसलमान और केवल पाकिस्तान ही धरती पर दुश्मन दिखाई देता है. इनकी आँखों को मोदियाबिंद नामक संक्रामक बीमारी हो चुकी है. ऐसे विषाक्त माहौल और मानसिकता में जीने वाले मित्रों से बिना मित्र के रह जाना बेहतर है. ... बस आपनेे बोल दिया और लोग संप्रदायवादी हो गए...मोतियाबिंद हमे नहीं आप जैसे लोगं को हो रखा है जिन्हे अपने अलावा और अपने इतर कोई भी बात करने वाला संप्रदायिक और जहरीला नजर आने लगता है..अपनी भाषा देखिए पहले .. पर उपदेश कुस बहुतेरे...
February 13 at 2:53am · Like · 2


मलंग आदम हा हा हा हा
नहीं बंधू Ashutosh Mishra जी,
आप और आपके सम्मानित मित्र एकमात्र राष्ट्रवादी हैं समूचे आर्याव्रत में।
अमेरिका की जिंदाबाद कहने वाले ही तो असली देशभक्त होते हैं आजकल
बराक ! लो चाय पियो और परमाणु करार .......
वो भी लेलो यार।
और उधर से अगला बोलता है मिस्टर प्राइम मिनिस्टर देश के आर्थिक विकास के लिए साम्प्रदायिक मतभेदों से उबरना बहुत जरूरी है.....
वाह भाई वाह।
क्या देशभक्ति है.....
चलो मान लिया की किसी झुग्गी में पकिस्तान जिंदाबाद का नारा लग भी गया तो इसे आप आ आ पा से कैसे जोड़ेंगे प्रभू
क्योंकि आ आ पा की जीत का जश्न तो पूरे देश में मनाया गया
कई जगहों पर तो बिना झंडे के भी
और कई जगहों पर तिरंगे के साथ भी।
और ये जो जिंदाबाद मुर्दाबाद के चोंचलों में उलझे हैं आप लोग ऐसा कोई औपचारिक लिंक दीजिये।
अराजकता वादी कहाँ नहीं होते
मैं कहता हूँ की आ आ पा की अभूत्पूर्व जीत से कुंठित होकर भाजपा और संघ ने उनकी छवि खराब करने के लिए उनके अपने भाड़े के टट्टुओं से ऐसा करवाया
अब?????
आखिर झुग्गियों में केवल आपिये ही तो नहीं रहते
भाजपाई भी रहते ही होंगे
February 13 at 3:11am · Unlike · 6


Girijesh Tiwari priy bandhu Ashutosh Mishra ji, आपका शुक्रिया अदा कर रहा हूँ. आपने मेरी वाल पर आने की तकलीफ़ की.
साफ़ दिख गया कि आपके पेट में पानी पचा नहीं, सो यहाँ तक उल्टी करने पहुँच गये. मैंने पूरी पोस्ट और पूरी बहस पढ़ी. और इसे भी मैं अपनी एक बेटी से जानकारी पाने की वजह से पढ़ सका. उसे भी साधुवाद है कि उसने इसी बहाने नकली देशभक्तों की उस कतार का दर्शन करवा दिया, जिसके आप भी एक सम्मानित सदस्य हैं.
उस वाल की स्वामिनी ने अपनी वाल को अपनी ज़ागीर का ऐसा टुकड़ा मान लिया है, जिस पर वह खुले आम किसी का सम्मान ले सकती हैं और किसी को अपमान दे सकती हैं. इसीलिये वहाँ बोलना मेरी शान के मुख़ालिफ़ था.
मनोरोगियों से इसके इतर और कोई उम्मीद नहीं की जा सकती. मेरी अपनी समझ और मेरे सभी के सभी प्यारे दोस्तों की समझ इससे भिन्न है, जो सबके सब एक से बढ़ कर एक शानदार इन्सान हैं और जिन पर मुझे गर्व है.
मैं समझता हूँ कि सम्मान दिया जाता है, सम्मान लिया नहीं जाता.
और आपके सभी मित्रों की समझ कितनी हास्यास्पद है कि हिन्दुस्तान का दुश्मन पाकिस्तान है और पाकिस्तान का दुश्मन हिन्दुस्तान है. मगर दोनों ही का दोस्त अमेरिका है, जो पूरी दुनिया की समूची मानवता का दुश्मन है.
आपको और कष्ट करने की ज़रूरत नहीं है. मैं और मेरे दोस्त आप लोगों की लम्बी ज़हरीली जुबान से खुली नफ़रत करते हैं और जब तक यह अन्धहिन्दूवाद आपका दृष्टिकोण बना रहेगा, आप हमारा सम्मान पाने के काबिल नहीं रह सकेंगे. अंधराष्ट्रवाद कैसे फासिज़्म है - यह समझना आपके बूते से बाहर है. आपका प्रशिक्षण और ब्रेनवाश इसी तर्ज़ पर हुआ है कि जो भी मोदी का विरोधी है, वह आपकी दृष्टि में देशभक्त हो ही नहीं सकता.
तो मेरे 'स्वघोषित देशभक्त' अमित्र आपका यहाँ तक आने का दुस्साहस आपकी औकात बता दे रहा है और आपका तिलमिलाना साफ़ दिख रहा है.
अपनी इस जुबान को लगाम तो आप दे ही नहीं सकते.
और न समझ ही सकते हैं कि 'बाते हाथी पाइए, बाते हाथी-लात' आप जैसे असभ्य लोगों के लिये क्यों कहा गया.
आपकी नज़र में ग़रीब लोग मनुष्य ही नहीं हैं. और मुझे अपने सबसे ग़रीब लोगों में से एक होने पर गर्व है.
गरीब लोग तो आपके प्रभाव में फँस जायें, तब तक ही सही हैं.
वर्ना झूठ तो भगवाई दंगाइयों का सबसे मारक हथियार है.
जाइए पहले अपनी सहेली की पूरी बहस पढ़ लीजिए, तो अगर आपके भेजे में थोड़ी भी अकल होगी, तो उत्तर खुद ही पा जायेंगे.
वरना मेरे देने से तो आप जैसे अकल के दुश्मन समझने के लिये अकल मुफ्त में भी लेने वाले नहीं हैं.
एक बार फिर आपका शुक्रिया. क्षोभ के साथ - एक कंगाल नास्तिक क्रान्तिकारी
February 13 at 3:15am · Edited · Like · 6


Girijesh Tiwari Ashutosh Mishra जी, आप जैसे दो कौड़ी के मनबढ़ मूर्खों से बहस करने भर का मेरी ज़िन्दगी में वक्त है ही नहीं. आप #कीर्तनियों की पूरी कतार के लिये मेरे पास एक ही उत्तर है और वह है - "टिली-लिली- टिली-लिली- पो...

February 13 at 3:23am · Edited · Like · 6


मलंग आदम Ashutosh Mishra जी! एक और महत्वपूर्ण तथ्य पर आपका ध्यानाकर्षण करना चाहूँगा.....
आ आ पा के उस विजय जुलूस में केवल हरे और सफ़ेद गुब्बारे ही नहीं थे, केसरिया भी थे।
वो तो सर को "टिली-लिली.... टिली-लिली...पों" करने का मन हो गया तो वो केसरिया वाला गुब्बारा उठा ले आये.....

सबूत फोटू में है

February 13 at 3:52am · Edited · Unlike · 4


Sumit Kumar Mishra g aap yha bhi. Bhonkne aa gye..... gandi baat....
February 13 at 7:11am · Unlike · 2


Shobha Mishra Girijesh Tiwariजी... आपने मेरा fb अकाउंट सार्वजनिक रूप से शेयर किया है जबकि आप मेरी लिस्ट में भी नहीं हैं .. इसमें मेरी बेटियों की और मेरी निजी तस्वीरें हैं .. !
Purushottam Agrawal जी, Sayeed Ayub, Ashok Kumar Pandey, Avinash Das,Basant Jaitlyजी, .. गिरिजेश जी मेरा अकाउंट अपनी वाल पर शेयर करतें हैं और आप सभी इनकी वाल पर अपने कमेंट लाइक करतें हैं ... करिये ..! लेकिन इससे पहले इनसे मेरे अकाउंट का लिंक तो हटवा देते ..! पोस्ट कॉपी पेस्ट कर लेने भर से भी आपकी बात आपके मित्रों तक पहुँच जाती ..!
February 13 at 8:19am · 2


Shobha Mishra Suman Keshari दीदी, Aparna Manojदीदी, Arun Dev Ramji TiwariDrSony Pandey, Leena Malhotra, Rituparna Mudra Rakshasa, Swarn Kanta.. आप सभी से भी ये प्रश्न – क्या इस तरह किसी का अकाउंट सर्वाजनिक रूप से किसी ऐसे व्यक्ति का शेयर करना और ऐसे अजनवियों को टैग करना क़ानूनी अपराध नहीं है ? े fb अकाउंट में हमारी निजी तस्वीरें होतीं हैं ..!
February 13 at 8:25am · 2


Ashok Kumar Pandey जो प्रोफाइल सार्वजनिक है उसे शेयर करने में क्या समस्या है? यहाँ से भी वह उन्हें ही दिखेगी जो मित्र हैं और अगर पब्लिक है तो सबको दिखेगी। अपनी वाल पर अपने समर्थकों का झुण्ड जुटा के पोस्ट पर पोस्ट लगाके गालियां दिलवाते आपको नैतिकता नहीं सूझी? वहाँ तो सिर्फ दो लोगों को विरोध करता देख आप बहुमत के नशे में जाने क्या क्या बक रही हैं। यहाँ दो से अधिक लोग दिखे तो प्राइवेसी की चिंता? सवालों पर बहस करने की ताब है तो कीजिये। वरना विदा लीजिये। यह मगरमच्छी आँसू और प्रलाप रहने दीजिये।
February 13 at 8:32am · Unlike · 6


Ashok Kumar Pandey हाँ क़ानूनी अपराध है तो कोर्ट में जाइए। हम न्यायधीश नहीं हैं।
February 13 at 8:32am · Like · 5


Shobha Mishra इतनी कमजोर नहीं हूँ कि अपने विचारों के समर्थन के लिए कोई 'भीड़ जुटाउं'
मेरे पोस्ट पर जिन मित्रों से कमेंट किया है उन्होंने अपनी मर्जी से किया है ! गालियां मेरे संस्कार में नहीं हैं .. बिल्कुल भी नहीं
February 13 at 8:59am · 2


मलंग आदम शेयर का ऑप्शन खुला था तो शेयर किया। मैंने भी किया है Shobha Mishra जी.....
और अपने जिन सम्मानित दोस्तों का नाम आपने लिया है उनमे कुछ को देख कर मैं भी हतप्रभ हूँ कि आप जैसी "व्यापक और विशेष" महिला उन्हें यहां कैसे बुला रही है और वो इस मुद्दे पर यहां आकर कहेंगे क्या?????
और गालियां संस्कार में नहीं होतीं आदरणीया....
संस्कार में होती है कूप मंडूक सोच,
गालियां तो आपकी सनातन संस्कृति का गौरवशाली हिस्सा है।
February 13 at 10:01am · Unlike · 5


Girijesh Tiwari . Dr. Kavita Vachaknavee जी को धन्यवाद मुझे अमित्र करने के लिये. और भी कुछ लोगों के मन में मेरी इस पोस्ट से और इससे सम्बन्धित लिंक और पोस्ट से जो मलाल दिख गया, उनको अपने को अपनी बहस के आईने में झाँक कर अपनी असली शक्ल देखनी चाहिए. वहाँ एक दोहरी जुबान वाला प्रेत दिखाई देगा.
February 13 at 7:01pm · Edited · Like · 4


Navin K. Gaur Shobha Mishra आप जैसे स्वघोषित राष्ट्रवादियों की वजह से ही "राष्ट्र" की विचारधारा का विलोपन होता जा रहा है! मानना पड़ेगा कि गुब्बारों के रंग से इतना बेहतरीन निष्कर्ष निकलने के लिए दिमाग में साम्प्रदायिकता का कचरा पूरा भरा होना ज़रूरी है!! आप का राष्ट्र और मोदी का राष्ट्र मेरी समझ के बहार है क्योंकि वो सिर्फ धर्म के आधार पर परिभाषित होता है! मेरे राष्ट्र में वो लोग सबसे ऊपर आते हैं जिनको आपके प्रभु मोदी जी ने दूध की मक्खी की तरह इस पूरे तंत्र से निकल कर फेंक दिया है.... वो जिए या मरें उनको कोई फ़र्क़ नही पड़ता। ..... और एही बात "पाकिस्तान ज़िंदाबाद " के नारों की , तो मैं दिल्ली में ही हूँ और चुनाव परिणाम वाले दिन मैं भी घूम रहा था, मुझे कहीं पर ये नारे नही सुनायी दिए, और मान लेते हैं की कुछ लोगो ने नारे लगा भी दिए तो ये एक अलग मसला है !! इससे मोदी सरकार की घनघोर अकर्मण्यता, गरीब तबके के प्रति उनकी नज़रअन्दाज़ी , सत्ता मिलने के बाद आया अहंकार को तो नही न्यायसंगत ठहराया जा सकता !! और आम आदमो पार्टी द्वारा उनको इन्ही मुद्दों पर दी गयी करारी शिकस्त आप लोगों के गले के नीचे नही उतर रही है तो आप लोग (और आप जैसे कई राष्ट्रवादी ) अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं !!!!
February 13 at 10:54am · Unlike · 4


Amar Nadeem पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा अगर कुछ लोगों ने लगाया भी तो यहअधिक से अधिक उनकी नासमझी का लक्षण हो सकता है और कुछ नहीं. इसका सामान्यीकरण करके किसी समुदाय विशेष के प्रति घ्रणा फैलाने का काम कौन लोग करते हैं यह हम सभी को पता है. ऐसे लोगों से न तो कोई संवाद संभव है न कोई सार्थक बहस.
February 13 at 11:08am · Unlike · 5


Avinash Das Shobha जी, प्राइवेसी सेटिंग में जाकर फोटो फाइल्स को "पब्लिक" की जगह "ऑनली फॉर फ्रैंड्स" में बदल दीजिए। इससे आपकी मूल चिंता का समाधान हो जाएगा।
February 13 at 11:49am · Unlike · 5


Rajendra Singh इस स्वांमी को देखिये क्या क्या बकवास कर रहा है ।में भी हूँ आम आदमी ।

February 13 at 11:55am · Unlike · 6


Ravi K Singh · Friends with Sayeed Ayub and 2 others
If any body supports and hails Pakistan in this country he will be opposed with full force by all real Indians and this should not be meant that the one who is opposing them are spreading communal dis-harmony or he or she is communal. But yes,the one ...See More
February 13 at 12:07pm · Like · 2


Ashutosh Mishra · Friends with अरुण चवाई and 152 others
.रवि भाई किसे समझा रहे हैं ये सबके सब धूर्त हैं और जानबूझकर सत्ता की मलााई खाने के लिए अपने स्वार्थ मे विक्टिम होने का ढोंग करते हैं ... पाकिस्तान की तरफदारी करने वाले को और क्या कहा जा सकता है
February 13 at 12:42pm · Edited · Like · 3


Ashutosh Mishra · Friends with अरुण चवाई and 152 others
कसाब और आइएस पर चुप्पी साधने वाले भाषा और ज्ञाम बांंट रहे हैं.... और ऐसी बातों को इग्नोर करने के कारण ही लोग शक के घेरे में आते है ... अच्छा है असली मक्कारी वाला चेहरा समाने तो आया.... लगे रोह अपनी वाल पर जितना तुमलोग बकोगे उतने ही नंगे होगे,,... वैसे भी वामपंथियों से बड़ी गाली इस देश मे दूसरी तो है नहीं... तुम में से किसका ऐसा चरित्र है गिरजेश जिससे बहस भी की जाए... सबके सब तो गाली से अधिक कुछ नहीं हो...
February 13 at 12:51pm · Like · 2


Ravi K Singh · Friends with Puja Shukla and 2 others
आसुतोष जी मेरा कहना सिर्फ इतना हे अगर हमारे देश में रहनेवाला कोईभीव्यक्ति pakistan के पक्ष किसी भी इस्थिति में जश्न या ख़ुशी मनाता है उसका विरोध करना और निंदा करना हर भारतवासी का परम कर्त्तव्य है.आप ऐसी परिक्रिया होते हुए देखने वाले को झूठा नहीं कहसकते, और यदि आप कहते हैं की ऐसा कुछ भी नहीं हुआ होगा और न होता है तो आप सच्चाईयों से आँखे फेर रहे हैं.इस पोस्ट का इतना ही अर्थ मेरी समज में आता है.यह पोस्ट कदापि समप्रयादिक नहीं है.
February 13 at 1:03pm · Like · 3


Ashutosh Mishra · Friends with अरुण चवाई and 152 others
यही तो केवल पूछा जा रहा था रवि भाई...लेकिन जवाब की बजाय कुतर्क पर कुतर्क . और कमेंट में ऐसी भाषा का उपयोग करते हैं ऐसा लगता है जैसे चाकू लेकर बैठे हो... और जब कोई पलट उसी भाषा मे बात करता है तो रोना-धोना शुरु हो जाता है ... इनलोगों ने अपनी एक गुट बना रखी है और सारे चेले चपाटो समेत हल्ला बोल देते हैं और सारे एक स्वर में हुआँ हुआं करने लगते हैं..जबकि अगर गंभीरता से खुद अपना लिखा ही पढ़ें तो सर पीट लें कि ये कौन सा कुतर्क लिख दिया मैंने... लेकिन अहंकार इतना कि पूछिए मत.... ऐसा लगता है कि इन्हें यह भी पता था कि इनका जन्म कहां होगा और क्यों हुआ और यह भी पता है कि कहां और किस हालत में अंतिम सांस लेंगे.... इन्हें यहीं रोने दीजिए... हमलोग अपना काम करें... फिर चिढ़ाने का मन करेगा तो आकर कुछ लिख दूंगा... यहीं कूदते फांदते रहेंगे...
February 13 at 1:32pm · Like · 3


Ravi K Singh · 3 mutual friends
Be cool Ashutosh ji,let them show their character in public.I never read the shit coming from clogged minds,it has so much smell !!
February 13 at 3:19pm · Like · 1


Rajendra Singh अगर हम पानी मांगेगे सड़के मांगेगे अस्पताल स्कुल कालेज चाहते है ।भरष्टाचार मिटाने की बात करते है ।महंगाई ,काले धन की बात करते है ।आपकी पार्टी के घोषणा पत्र को पूरा करने की बात करते है ।आप के पास कोई जवाब नहीं रहता और आप झट से हिन्दू मुस्लिम की बात करने लगते है ।जरा सी विचार नहीं करते की मूल भुत सुविधा हर नागरिक का अधिकार है ।अपनी सोच बदले हम भारतीय है इस पर विचार करे ।
February 13 at 3:27pm · Unlike · 5


Basant Jaitly किसने क्या देखा यह पता नहीं लेकिन अपने दैनिक अखबार में ऐसी कोई खबर मैंने नहीं देखी जब कि आप की जीत पर उसमे करीबन दो पूरे पृष्ठ दिए गए हैं.
February 13 at 4:44pm · Like · 2


Ravi K Singh · Friends with Puja Shukla and 2 others
Here no one is against Aap or sad about their magnificent victory.the qs.is the way of celebration by few little people and the few more people not condemning this instead diverting the subject itself.
February 13 at 4:59pm · Like


Ashok Kumar Pandey धूर्त वे हैं जो अपने झूठ को राष्ट्रीय सच साबित करने पर तुले हैं। शोभा जी संस्कार की दुहाई तो ऐसे दे रही हैं जैसे कुदरत ने संस्कार की सारी टोकरी बस इन्हें दी हो और बाक़ी सब गुंडों की टोली के हों।

Why the hell a so called celebration by few people becomes so important that the whole issue of the fall and defeat of communal forces in delhi becomes a negligible and one gets a chance to term the AAP a band of anti nationals? Go and read the original thread of Ms. mishra and the comments mentioned their. You may find the real issue. The pain of that defeat has been translated to this agenda of communal hatred.
February 13 at 5:29pm · Edited · Unlike · 5


Basant Jaitly अगर यह इतना ही सच है जितना शोभा जी कह रही हैं तो यह अखबार में या कही अन्यत्र क्यों नहीं है, इसकी सत्यता मात्र एक किसी के कथन पर स्वीकार्य नहीं है. वैसे भी किसी पाकिस्तान का इस जीत से क्या सम्बन्ध ? पाकिस्तान में क्या हो रहा है यह पाकिस्तान वाले जानें वैसे यदि कुछ ऐसा होता तो जब मामूली से हगे - मूते की वहाँ की खबर भी मीडिया में आजाती है फिर किसी भी सन्दर्भ में ( भारत या भारत से बाहर के ) यह मीडिया से गायब क्यों है ?. मात्र एक व्यक्ति ही इसका जानकार कैसे है? अन्य सोर्सेज़ कहाँ हैं ?
February 13 at 5:43pm · Edited · Unlike · 5


Ashok Kumar Pandey इन आशुतोष मिश्र का पहला कॉमेंट पढ़िए। जिसमें कह रहे हैं कि देश की जनता देश के दुश्मनों के चक्कर में फँस गयी। यानी एक इनके पास देशभक्ति का ठेका है बस। दंगाई हारे तो देशभक्ति खतरे में पड़ गयी। And then decide who has a mouth full of shit and smelling like the dirtiest thing on the earth.
February 13 at 5:54pm · Unlike · 5


DrKavita Vachaknavee गिरिजेश जी, आपने जिस तरह एक महिला का चित्र लगा कर पब्लिसिटी पाने और लाभ की राजनीति अपनाने की कोशिश कल की उसके बाद आपका मेरी मित्र सूची में बने रहने का कोई अर्थ नहीं था। मुझे किस से मित्रता रखनी है और किस से नहीं यह मेरी इच्छा और मेरी स्वतंत्रता है। आपकी जिस हरकत के कारण आपको अन फ्रेंड किया आपने वही हरकत अब मेरी फोटो को अपने यहाँ लगाकर फिर दोहरा दी। अपनी आयु का ही मान रख लिया होता कम से कम। या वामियों कामियों की तरह महिलाओं के चेहरे दिखाकर तमाशा लूटना चाहते हैं। और मैं शोभा जैसी शालीन कदापि नहीं हूँ। न ही मेरी फेसबुक पर किसी से रिश्तेदारी है कि उसका लिहाज रखूंगी और न ही मैं आपकी तरह के इन मर्दवादी हथकंडों से डरती हूँ। इसलिए अपनी सीमा में रहिए और महिलाओं के चेहरों की दुकान मत बनाइये अपनी प्रोफाईल को। यह मत भूलिए कि आपकी आजादी वहाँ समाप्त हो जाती है जहाँ मेरी नाक शुरू होती है।
February 13 at 6:54pm · Edited · Like · 1


Navin K. Gaur DrKavita Vachaknavee Shobha ji.... wo bhi shaleen..... bhagwa party walo ko shaleenta ka matlab hi kahan pta hota h?
February 13 at 6:41pm · Like · 3


DrKavita Vachaknavee सारा शालीनता तो तुम isis के रक्त भीगे हाथ वालों के समर्थकों के हिस्से में आई है कि कितनी शांति से एकत्र हो खून पीने के जश्न मनाते हो सारी दुनिया देख रही है
February 13 at 6:55pm · Like · 2


Basant Jaitly Girijesh जी ... ऊपर शोभा जी का एक कमेन्ट है.... आपने मेरा fb अकाउंट सार्वजनिक रूप से शेयर किया है जबकि आप मेरी लिस्ट में भी नहीं हैं मेरा वैयक्तिक विचार है कि ऐसी स्थिति में आपको लिंक शेयर नहीं करना चाहिए था. मैं वैचारिक आधार पर उनसे सहमत नहीं हूँ और ख़बर की सत्यता पर भी संदेह कर रहा हूँ लेकिन इस मसले पर वे मुझे सही लगती हैं. हम यह सारी बातें बिना उनका अकाउंट लिंक शेयर किये बिना उनका नाम लेकर कर सकते थे. शायद आपको मेरा यह कथन उचित न लगे लेकिन मैं भी आदत से मजबूर हूँ और जो ठीक लगता है वह कह और कर गुज़रता हूँ.
February 13 at 6:57pm · Unlike · 4


Girijesh Tiwari आदरणीय Basant Jaitly सर, आपके आदेश का पालन करते हुए दोनों लिंक्स हटा दिया. मेरी समझ से लिंक के बिना कुछ भी कहना authentic नहीं होता. जब भी मैं कुछ भी उद्धृत करता हूँ. सबके लिंक्स साथ ही देता हूँ और यह तो नितान्त अपमानकारी पोस्ट थी. अच्छा हुआ इन कुछ लोगों ने ख़ुद ही अपनी वैचारिक अवस्थिति बता दी.
February 13 at 7:08pm · Like · 3


Shobha Mishra इन्होंने अपने जिन मित्रों को टैग किया है उनमें मलंग आदम की प्रोफाइल भी चेक कर लीजिये Basant Jaitly सर । स्त्रीहित कवितायेँ लिख भर देने से स्त्री का सम्मान नहीं हो जाता ।
February 13 at 7:10pm · 2


DrKavita Vachaknavee ये सब अपने 'आदमी' ( पुरुष और आदमी दोनों ) होने के गुमान में हैं
February 13 at 7:12pm · Like · 1


Girijesh Tiwari कविता वाचक्नवी जी, आपके प्रति मेरे मन में पर्याप्त सम्मान हुआ करता था. अच्छा किया, भ्रम-मुक्त कर दिया. कलम चलाना भर पर्याप्त नहीं होता, आपके उपरोक्त दोनों टिप्पणियों से घिन आ रही है. विदा.
February 13 at 7:15pm · Like · 3


DrKavita Vachaknavee विदा तो आपको कल ही दे चुकी क्योंकि कल से घिना रही थी आपकी प्रोफाईल।

February 13 at 7:18pm · Like


Shobha Mishra न मेरी पोस्ट सांप्रदायिक थी ... न मोदी के लिए थी .. न ही केजरी के लिए थी ...मेरी पोस्ट पर कमेंट में अभद्रता की गयी ... यहां इस पोस्ट पर भी fb अकाउंट का लिंक शेयर करने के लिए मना करने पर अभद्रता की गयी ... जनता की जीत में हम खुश है .. लेकिन उँगलियों पर गिने जिन चंद लोगों ने पकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाये उसका अपनी वाल पर विरोध करने के लिए स्वतंत्र हूँ ... मुझे संयमित भाषा में सच कहने से कोई नहीं रोक सकता ...!!
आभार आपका Basant Jaitly सर , मेरे fb अकाउंट का लिंक यहां से हटवाने के लिए ...!!
February 13 at 7:18pm · 3


Basant Jaitly लिंक हटा दिया ... भला किया. रही वैचारिक अवस्थिति की बात सो वह तो सदा से जग जाहिर है. कष्ट सिर्फ यह है कि मैं एक ऐसे प्लेटफ़ॉर्म की परिकल्पना करता हूँ जहां हम अलग मत रखते हुए भी सभ्य भाषा में संवाद कर सकें. वह नहीं हो पारहा है दोनों ही तरफ से यह कष्टप्रद है. सवाल यह भी नहीं है कि पहले कौन कैसी भाषा का प्रयोग करता है. सवाल यह है कि दोनों तरफ से यह होता क्यों है और इसका हल क्या है ? हम असहमत हों लेकिन एक - दूसरे को यदि सम्मान दे सकें तो बेहतर होगा. शायद मैं कुछ अधिक आदर्शवादी हो रहा हूँ लेकिन यदि लड़ना होगा तो खुले में लड़ेंगे यहाँ क्यों युद्ध हो ... ऐसा मुझे लगता है. सहमति ज़रूरी नहीं है.
February 13 at 7:19pm · Unlike · 6


DrKavita Vachaknavee आपने स्टैंड लिया Basant जी अत्यन्त धन्यवाद। उन लोगों का सम्मान करने का मन होता है जो वैचारिक मतभेद होते हुए भी अपनी मर्यादा रखते हैं और उन लोगों से वितृष्णा होती है जो सदा सम्मान सम्मान के राग ऊपर से गाते हैं पर झट अपना असली स्तर प्रदर्शित कर देते हैं जब मौका पाते हैं
February 13 at 7:22pm · Like · 2


Girijesh Tiwari सर, असहमति का सम्मान सम्भव है और अनुकरणीय भी. मित्र का अपमान असह्य होता है. मेरा पूरा वज़ूद अपने मित्रों के विराट परिवार की सेवा के लिये और मेरी एक-एक उपलब्धि उनके ही सौजन्य से है. जीवन देकर भी मैं इस ऋण से मुक्त नहीं हो सकता. मतभेद और मनभेद दोनों भिन्न स्तर की चीज़ें हैं.
February 13 at 7:23pm · Like · 4


Basant Jaitly Shobha Mishra जी आप जानती हैं कि शब्द चबाता नहीं सो मुझे जो कहना था कह दिया. जो हो चुका अब उसको जितना बेहुआ किया जा सकता था वह गिरिजेश ने किया. भविष्य में इसका और ध्यान रखा जाएगा ऐसा मुझे भरोसा है. मैं चाहता हूँ कि इस मसले को अब और आगे न बढ़ाया जाए. बातें जो होनी थीं पक्ष - विपक्ष में, सुर - बेसुर में वे सब हो चुकीं. अब बस ... आगे जैसा आप लोग चाहें.
February 13 at 7:28pm · Edited · Unlike · 5


DrKavita Vachaknavee और हाँ बसंत जी ने शोभा से प्रमाण मांगा था तो निवेदन है कि ज़ी न्यूज की तीन दिन पुरानी रिपोर्ट्स और वीडियो से शोभा के कथन की पुष्टि कर ली जाए। प्रमाण प्रत्यक्ष हैं और शोभा ने झूठ नहीं बोला इसका प्रमाण मिल जाएगा
February 13 at 7:29pm · Like


Shobha Mishra मैं यहां से विदा ले रही हूँ सर ...आपका बहुत आभार... और उन आभासी पुरुष मित्रों के व्यवहार पर अफ़सोस जिन्होंने fb लिंक हटाये जाने के लिए कहने पर मुझे ये सुझाव दिया कि - मैं अपनी प्रोफाइल एल्बम की सेटिंग चेंज कर लूँ और fb अकाउंट सर्वाजनिक था तो शेयर कर लिया .. इसमें क्या बुराई हैं . ... ! Basant Jaitly सर
February 13 at 7:32pm · Edited · 3


Basant Jaitly लिंक दे दीजिये. मैं ज़रूर देखूँगा. बहस को अब दोनों पक्ष यहीं समाप्त करें तो बेहतर. मैं अब इससे विलग हूँ क्योंकि अब इस को जारी रखने की कोई उपयोगिता मुझे नहीं लगती.
February 13 at 7:33pm · Edited · Unlike · 2


Ashok Kumar Pandey किस लोकतन्त्र की बात कर रहे हैं बसंत सर। शोभा जी मुझे ब्लॉक कर चुकी हैं
February 13 at 7:48pm · Unlike · 3


Ashok Kumar Pandey और एक सार्वजनिक बहस का लिंक शेयर करना न तो नैतिक अपराध है न क़ानूनी। साइबर ला पढ़ा है मैंने। चुनौती दे रहा हूँ कि कोर्ट आफ ला में जाएँ।
February 13 at 7:49pm · Unlike · 4


Basant Jaitly संभव है किसी दिन कोई मुझे भी यों ही ब्लॉक कर दे लेकिन यह तय है कि वैचारिक असहमति या गरमा - गरमी के चलते मैं किसी को ब्लॉक नहीं करूंगा. मेरा लोकतंत्र मैं अपने भरसक बनाए रखूंगा Ashok. बात मेरी नज़र में कानूनन सही या गलत होने की नहीं है और न थी. मुझे लगा कि किसी व्यक्ति का जो मित्र नहीं है उसका लिंक शेयर करना उचित नहीं है सो कह दिया. गिरिजेश ने मान लिया यह मुझे अच्छा लगा.. बात बस इतनी थी.

February 13 at 7:58pm · Edited · Unlike · 4


Girijesh Tiwari आदरणीय सर, मेरी बेटी और एक और नारी मित्र ने इस प्रकरण के पटाक्षेप का अनुरोध किया. कृपया...
February 13 at 8:09pm · Like · 2


Basant Jaitly मेरी तरफ से पटाक्षेप हो चुका है गिरिजेश. इसके बाद यहाँ इस प्रकरण पर नज़र नहीं आऊँगा.
February 13 at 8:11pm · Unlike · 2


Rajendra Singh बड़ी ही घृणित कोशिश हो रही है ।आप से बुरी तरह हारे लोग अब आम आदमी पार्टी को मुस्लिम परस्त बताने पर तुले है ।तरह तरह की झूठी अफवाहे फैला रहे है ।मानसिक रूप से विकलांग इन लोगों का बहिस्कार कीजिये । ये लोग देश में मौजूद शांति और आम भारतीय की एकता से घबरा रहे है ।
February 13 at 8:22pm · Unlike · 3


Girijesh Tiwari मित्र Rajendra Singh जी, यह प्रकरण समाप्त हो चुका. मेरी बजाय प्रतिपक्ष ने ही मेरा बहिष्कार कर दिया. एक ने अमित्र और दूसरी ने जिसे मैं जानता भी नहीं ब्लॉक कर दिया. मगर मैं अपने सभी मित्रों का आभारी हूँ, जिनके चलते आज भी इस व्यवस्था के विरोध और मानवता की सेवा लायक हूँ. आपके प्रति भी आभार व्यक्त कर रहा हूँ.
February 13 at 8:27pm · Like · 3


मलंग आदम DrKavita Vachaknavee " सारा शालीनता तो तुम isis के रक्त भीगे हाथ वालों के समर्थकों के हिस्से में आई है कि कितनी शांति से एकत्र हो खून पीने के जश्न मनाते हो सारी दुनिया देख रही है"

आपकी यह कॉमेंट अपने आप में यह बताने के लिए पर्याप्त है कि वैचारिक बहस के दौरान अपने पूर्वाग्रह और कुंठित मानसिकता का पोषण तथाकथित नारीवादी राष्ट्रभक्तों द्वारा कैसे किया जाता है.....
रह गयी बात शेयर की तो किसी भी सार्वजनिक जगह पर लिखी और कही गयी बात के सन्दर्भ को प्रस्तुत करने के लिए लिंक शेयर करना कहीं से भी गलत नहीं है, अगर आप सामाजिक मुद्दों पर सार्वजनिक तौर पर अपना पक्ष रख रही हैं तो समाज से जुड़ा हर तबका आपसे प्रश्न करेगा, आपके विचारों को पढ़ेगा और जरूरत समझ में आने पर आपके लिंक को शेयर भी करेगा।
अबला महिला होने की दुर्बल मनोस्थिति के पूर्वाग्रह से खुद को और अपनी दूसरी साथियों को मुक्त करने का प्रयास करिये पहले
Ashok Kumar Pandey जी की बात से मैं पूरी तरह सहमत हूँ कि सार्वजनिक बहस का लिंक शेयर करना न तो नैतिक अपराध है और न कानूनी।
अगर हम "आदमी" होने के गुमान में हैं तो आप भी "बेचारी महिला" होने के पूर्वाग्रह से मुक्त नहीं हैं अमित्र, जिसे सार्वजनिक तौर पर कुछ भी अनर्गल चिल्लाने का तो शौक है लेकिन वैचारिक विरोधाभास की स्थिति सामने आने पर "मेरी मित्र सूची" और "मेरी बेटी की फोटो" जैसे निरर्थक प्रलाप करने में कोई शर्म नहीं आती।
और एक बात और यह आपकी रूढ़िवादी सोच है कि किसी महिला की फोटो या लिंक सार्थक और सामाजिक बहस के मुद्दों पर शेयर करना पब्लिसिटी स्टंट है, तरस आता है पूरी जमात पर.....
यह सार्वजनिक मंच है और मंच पर चढ़ने के बाद आपको पढ़ने सुनने और देखने वाले आपके संकीर्ण विचारों के अनुसार ही प्रतिक्रिया करेंगे यह सोचना बहुत ही सतही और विद्रूप है आदरणीया।
Basant बाबा, गिरिजेश जी ने लिंक हटा कर जिस बड़प्पन का परिचय दिया है उसे मैं निरर्थक समझता हूँ
(क्षमा सहित)

यही लोग हैं जो अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के समर्थन में अभी कुछ समय पहले "आहत भावनाओं" का रूमानी गीत गा रहे थे।
अगर आपको अपनी प्राइवेसी की इतनी ही चिंता है तो घर के दरवाजे बंद कर के अंदर रहिये, राजनीति पर बहस करना कोई अनिवार्य हिस्सा थोड़े है जीवन का इसके बिना भी काम चल सकता है।
अंतिम बात-
अगर आप मर्दवादी हथकंडो से नहीं डरती न तो बहुतेरे ऐसे हैं जो आपके स्त्रीवादी हथकंडों की वास्तविकता से भलीभांति अवगत है उसे समझते हैं और उस पर बस होंठों पर हलकी सी जुम्बिश देकर आपकी लंबी नाक पर सरसराती हुई हवा फूंकते हैं जिसके बीच आपकी और उनकी स्वतन्त्रता की परिभाषा रहती है।
चलिए अभी विदा
February 13 at 9:17pm · Edited · Unlike · 4


Basant Jaitly बात ख़तम हो चुकी है यहाँ मलंग सो बस... अब कुछ नहीं. यह मेरा भी कहना है और Girijesh का भी
February 13 at 9:42pm · Unlike · 5


मलंग आदम जी Basant बाबा
मैं भी अपने हिस्से की बात कह चुका हूँ।
February 13 at 9:45pm · Unlike · 4


Rajendra Singh तिवारी जी आप आदरणीय है आप प्रतिब्द साथी है हमे आपकी मित्रता पर गर्व है निस्वार्थ भाव से आप समाज की सेवा कर रहे है ।हम आपके साथ है ।
February 13 at 9:49pm · Unlike · 3


Rajendra Singh यहाँ तो ये हाल है लोग सीधे धमकी दे रहे है की मुहं बन्द रखो हो सकता है किसी दिन हमे निपटा भी दे ।मगर सच कहने से बाज न आयेगे ।

February 13 at 9:51pm · Unlike · 3


Meemansha Sharma Shobha Mishra जी माफी सहित एको बात कहना है "जैसे की आपने कहा मलंग आदम की प्रोफाइल भी चेक कर लीजिये से क्या मतलब निकल जाये ??
क्या प्रोफाइल चरित्र का प्रमाण पत्र है ?? मेरी नजर में कतई नहीं क्युकी में जितना जानती हु इंसान fb पर तो क्या असली जीवन में भी कई रूप रखता है तो यहाँ तो संभव ही नहीं की उसको वैसा ही समझा जाए जो वो है क्युकी इंसान कई बार जो होता है उसके विपरीत यहाँ खुद को शो करता है .....
February 13 at 9:58pm · Unlike · 1


Ashutosh Mishra · Friends with अरुण चवाई and 152 others
अच्छा हुआ आप लोगो ने बंद कर दिया अभी आया तो देखा कि यह हाल हैं और अशोक कुमार पांडे तुम्हारा नाम तो मैं लेता नहीं लेकिन जिस तरह से तुम सबने मुद्दे को भटकाने और विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश की और टिप्पणियां की उससे मेरी कमेंट की ही पुष्टि हुई .. मेरे कमेंट पर तुम क्यों परेशान होने लगे तुमने अपने आप को देश के दुशमनों में क्यों गिन लिया ...अच्छी तरह समझता हूंैआआप को पानी पी पी कर कोसने वाले आज अचानक पाला कैसे बदल लिया ....जिस तरह से पाकिस्तान जिंदाबाद के पक्ष में लोग खड़े हुए उससे देश भक्ति करने और देशभक्त होने का ठेका तो अपने आप मिल जाता है... और तुम लोगों की देशभक्ति जग जाहिर है... और हर बात में खुलेआम दंगाई बोलने वाला दूसरों को भाषा की मर्यादा बताएगा... आज से नहीं बहुत दिनों से देख रहा हूं ...इसिलए पर उपदेश कुशल बहुतेरे वाली कहावत याद रखो... .
February 13 at 11:38pm · Edited · Like · 1


Ashutosh Mishra · Friends with अरुण चवाई and 152 others
रही बात गिरजेश तिवारी की तो ....अगर लिंक शेयर नही किया होता तो यहां आता भी नहीं जरुरत ही नहीं थी बहस तो वहां भी समाप्त ही थी.. जिसको अपनी बात कहना थी कह चुका था लेकिन जिस तरह कुछ लोगों ने दबाने की कोशिश की उसका जवाब तो फिर मिलना था..और यहा पर जो टिली टिलीली कर रहे थे ना मैं इस तरह से टिलिलिलि करने पर आ जाता तो हर कमेंट में तुम्हें टीलीलीलीली ही दिखाई पड़़ता ..
February 13 at 10:01pm · Like · 1


Ashutosh Mishra · Friends with अरुण चवाई and 152 others
बसंंत दादा का धन्यवाद देता हूं कि उन्होने समझा दिया, वैसे भी किसी की पोस्ट को शेयर करने और अपने पोस्ट पर उसका उपयोग करने से पहले इजाजत ले लेनी चाहिए ..और भाइयों जब पोस्ट सार्वजनिक हो तो बहस भी वहींं पर कर लो ना पीठ पीछे क्यों इसलिए कि यहां अपना इलाका है... चूंकि बहस समाप्त हो गई है.. लेकिन कुछ लोगों से फिर भी नहीं रहा गया, अंतिम केमंट अपनी तरफ से इसलिए कर रहा हूं कि कहीं उन्हें इसमें भी अपना अपमान न लगे कि देखो मेरी बात का जवाब नहीं दिया... मस्त रहो...
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मित्र Veeru Sonker जी, यह मेरी टिप्पणी का विषय नहीं है. आपने टैग किया, आपके प्रति मन में स्नेह है, सो अपने हिस्से की बात कह रहा हूँ.
कला-कलाकार-प्रशंसक एक अलग मुद्दा है. और
नारी-विमर्श एक संवेदनशील मुद्दा है. नारी-विमर्श पर चर्चा लोगों को लसने का मौका देती है. वे भी जो सब कुछ जानते-समझते हैं, विद्वान हैं और वे भी जो भावनात्मक रूप से सचेत हैं - ऐसे मुद्दे पर बोलने के अवसर को खाली नहीं जाने देते.
सरोकार के अन्य मुद्दों पर इतनी लम्बी चर्चा आम तौर पर देखने-पढ़ने को नहीं मिल पाती.
हम किसी भी तरह के तालिबानीकरण के विरुद्ध हैं. साथ ही हम अपने मित्रों के सम्मान के प्रति भी प्रतिबद्ध हैं.
हमको अपनी अवस्थिति को अपनी समझ और रुचि के अनुरूप स्वतन्त्रतापूर्वक चुनने का किसी और की तरह हक़ है. मगर दूसरों की अवस्थिति को भी सम्मान के साथ देखने का दायित्व हमारे ऊपर सचेत तौर पर है.
मैंने नारी-समस्या पर एक लेख - नारी-मुक्ति-आन्दोलन ज़िन्दाबाद और एक कविता - मेरी बेटी - दो ही लिखा है.
मैं जीवन-भर अपनी सभी बेटियों की अवस्थिति के साथ रहा हूँ और नारी-मुक्ति और नारी-सम्मान का पक्षधर रहा हूँ. इस सिलसिले में जब भी कुछ भी कहने या करने का समय आया, मैंने साफ-साफ़ अपना पक्ष चुना है.
मेरी स्पष्ट समझ है कि जब तक समग्रता में क्रान्तिकारी सामजिक परिवर्तन नहीं होता, तब तक अलग से वर्तमान व्यवस्था में नारी-मुक्ति या दलित-मुक्ति सम्भव नहीं है. जब समूचे समाज की मुक्ति होगी, तभी इन दोनों को भी बराबरी मयस्सर होगी.
व्यक्तिगत रूप से अपने आचरण और वक्तव्य दोनों में अतिशय मर्यादित रहने पर भी अपने विरुद्ध स्थानीय लोगों और इस मंच की लब्ध-प्रतिष्ठ लेखिका तक से जो सुन चुका हूँ - वह नितान्त दुःखद और अपमानजनक रहा है. इस स्तर तक के लोगों की किसी के भी विरुद्ध इस तरह की अनुचित टिप्पणी के मूल में जो 'विशिष्ट' नारी-वादी मानसिकता है, वह नितान्त निन्दनीय है.

फिर भी मेरा मत है कि
"हर आदमी में होते हैं दस-बीस आदमी,
जिसको भी देखना हो कई बार देखना." — निदा फाज़ली
आज की भागती-दौड़ती दुनिया में हर आदमी अनेक भूमिकाएँ एक साथ खेल रहा है. ऐसे में किसी भी व्यक्ति का मूल्यांकन किसी एक घटना विशेष या वक्तव्य के आधार पर कर लेने पर उसके समग्र व्यक्तित्व का मूल्यांकन करने में हमारे चूक कर जाने की सम्भावना और भी प्रबल होती जा रही है.
किसी के भी मूल्यांकन के मामले में हमको उसके प्रति पूरी तरह संतुलित न्याय करने के दायित्व का निर्वाह करना ही होता है. तभी हम अपने निर्णय से संतुष्ट हो सकते हैं. इसके लिये हमको अतिशय आतुरता से बचने और थोड़ा ठहर कर सोचने की ज़रूरत है. ऐसा करते समय हमको व्यक्ति-विशेष को भी थोड़ा 'स्पेस' देने और विभिन्न घटनाओं में उसकी एकाधिक भूमिकाओं तथा उसके अन्य वक्तव्यों के बारे में भी सोचने की नितान्त आवश्यकता होती है. अन्यथा अपनी तात्कालिक प्रतिक्रिया-जनित आपाधापी के चलते अपने एकांगी निर्णय के बाद हम पश्चाताप तथा अपराधबोध के शिकार हो सकते हैं.

"DrKavita Vachaknavee - गिरिजेश जी, आपने जिस तरह एक महिला का चित्र लगा कर पब्लिसिटी पाने और लाभ की राजनीति अपनाने की कोशिश कल की उसके बाद आपका मेरी मित्र सूची में बने रहने का कोई अर्थ नहीं था। मुझे किस से मित्रता रखनी है और किस से नहीं यह मेरी इच्छा और मेरी स्वतंत्रता है। आपकी जिस हरकत के कारण आपको अन फ्रेंड किया आपने वही हरकत अब मेरी फोटो को अपने यहाँ लगाकर फिर दोहरा दी। अपनी आयु का ही मान रख लिया होता कम से कम। या वामियों कामियों की तरह महिलाओं के चेहरे दिखाकर तमाशा लूटना चाहते हैं। और मैं शोभा जैसी शालीन कदापि नहीं हूँ। न ही मेरी फेसबुक पर किसी से रिश्तेदारी है कि उसका लिहाज रखूंगी और न ही मैं आपकी तरह के इन मर्दवादी हथकंडों से डरती हूँ। इसलिए अपनी सीमा में रहिए और महिलाओं के चेहरों की दुकान मत बनाइये अपनी प्रोफाईल को। यह मत भूलिए कि आपकी आजादी वहाँ समाप्त हो जाती है जहाँ मेरी नाक शुरू होती है।
February 13 at 6:54pm · Edited · Like · 1"
(http://young-azamgarh.blogspot.in/2015/03/blog-post.html)
https://www.facebook.com/photo.php?fbid=10204058887460289&set=a.2043969386669.2098291.1467398103&type=1

Veeru Sonker - with Iram Siddique and 39 others
निसंदेह ये मेरे लिए कठिन समय है,
कुछ लोग चाहते है की मैं अपनी नैतिकता के मानदण्डो को पुनः परिभाषित करू !
इधर कुछ समय से साहित्य और लेखन के क्षेत्र में कई घटनाये हुई। कई नए लोग आये, जाहिर है की नए विचार भी साथ लाये...
पर मैं अपने विचारो का क्या करूँ ?
कुछ घटनाये आपके स्मरण के लिए....

1--- एक अशोक गुप्ता जी है अपने कलात्मक कम पोर्न चित्रो के लिए अधिक जाने जाते है वह शुरू से ही महिलाओ की वाल और इनबॉक्स में कलात्मक चित्रो के नाम पर पोर्न चित्र भेजने के लिए बदनाम रहे है
मुझे उनके चित्रो से कभी कोई दिक्कत नहीं रही...पर कुछ मित्र चाहते है की मैं उनकी इस हरकत का विरोध न करूँ और वह अपने पोर्न चित्र(कलात्मक चित्र) महिलाओ के इनबॉक्स और वाल पर चिपकाते रहे
मित्रो !
वो अपने वाल पर जो चाहे करे....पर मेरा विरोध सिर्फ इस बात का था और है की वह दूसरी महिलाओ के इनबॉक्स में या वाल पर ये सब गंदगी नहीं फैला सकते...
मेरी पिछली पोस्ट पर बहुत सारी महिला रचनाकारों ने मेरी बात की पुष्टि की थी और मैंने उनकी बात सबके सामने लाने के लिए ही विरोध किया था,
मेरे विरोध के फलस्वरूप अशोक गुप्ता 90% पोर्न चित्र अपनी वाल से तुरंत डिलीट करते है...
यानी कुछ मित्रो की नजर में वो पवित्र हुए
मित्रो मुझे कोई लालच नहीं है अशोक गुप्ता से,
मैं पर्याप्त धन कमा लेता हूँ...
आप सभी स्वतंत्र है अशोक गुप्ता का समर्थन करने के लिए...
ऐसे कलात्मक चित्र भाड़ में जाये जो बिना मन मर्जी के किसी के भी इनबॉक्स में या वाल पर टपक पड़ते हो..
खैर !

2--- मेरी मित्र और समय समय पर सामाजिक सरोकारों पर अपनी आवाज बुलंद करने वाली Iram Siddique जी का एक कथित चित्र अभद्र पोस्ट के साथ एक फर्जी id से सामने आता है और मैं सभी की चुप्पी देखता हूँ
अंत में विरोध की कमान मैं खुद संभालता हूँ और मेरे साथ साथ मेरे विरोध में सभी मित्र साथ आते है
अंत में जीत हमारी होती है वो फर्जी id वाला भाग खड़ा होता है !

3--- कविता चोरी की घटनाये समय समय पर सामने आ रही है फर्जी id से भी और असली id से भी,
अभी सुबह ही ज्ञात हुआ की sunita sharma नाम की id से वीरेंद्र डंगवाल जी की एक कविता चोरी करके पोस्ट की जाती है...
विरोध के बाद शायद अभी या तो मैं ब्लाक हूँ या फिर ये id ही डीएक्टिव कर दी गयी है..

खैर....तीनो ही घटनाओ के तुरंत बाद मैंने विरोध किया और सफल रहा
घटनाओ पर अंकुश लगा,

पर कुछ मित्र मुझे कलात्मक और पोर्न चित्रो में फर्क बताने की कोशिश कर रहे है...
जबकि उन्हें शायद इसी मुद्दे से स्वयं का प्रचार करने का मौक़ा मिल रहा है....उनकी लालसा समझ रहा हूँ
तो मित्रो,
यहाँ मैं बहुत संशय की स्थिति में हूँ
पूछना चाहता हूँ क्या मैं सही को सही या गलत को गलत कहना बंद करूँ ?

कुछ मित्रो को टैग कर रहा हूँ क्योंकि मैं जब जब भ्रम में रहा मुझे इन मित्रो या कहिये गुरुओ और अभिभावको ने रौशनी दिखाई....

आज लोग मुझे गलत साबित करना चाहते है
शायद मैं उनके पाले में नहीं हूँ
मित्रो मैं सिर्फ कविता के पाले में हूँ
और अगर मैं गलत हूँ
तो आपका मार्गदर्शन चाहिए
अगर सही हूँ तो मैं अपना काम जारी रखूंगा....

मुझे किसी का डर नहीं है !
सिर्फ संशय है और वो भी कुछ मित्रो द्वारा ही दिया गया है....

(सन्दर्भ के लिये Ashok Gupta जी,)

Ashok Gupta - Veeru bhi appke ye katan ke app ko mughse kuch lalach nhi or jo mere dost ha unko lalach ha ye mere sab mitro ka apman ha.
Appko kavita se sarokar ha to esme kese ko kha etraj ha.
Mughe bahaut se chego se sarokar ha.
Apko mughse sikyat nhi, mere chetro se sekayat nhi .
Jenko atraj ha me unko kabhi tag nhi karta. Kqn karu.
Mere duneya badi vesal ha.
Mere mitro me kese ke kami nhi.
Jenhone mughe unfriend keya unko miss karonga.
Appke khane par mene chitr hata leye ye bilkul galat ha.
Hum sab mitr ha or me ch hata ho ke sul log mitr bane rahe, ye sab mamuli bate ha.bada dil ha appka Ilve your poetry.
https://www.facebook.com/girijeshkmr/posts/10204081407623279
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1 comment:

  1. "pseudo intellectualism in the name of art and culture !...
    l strongly condemn it..if anybody has a problem with this..kindly unfriend me..really it is helpful only...as i cant keep my eyes shut n just ignore... "
    आभार रश्मि, यह पक्ष मेरे संज्ञान में नहीं था.
    Rashmi Bhardwaj – "मेरा नवंबर में किया गया यह स्टेटस अपडेट अशोक गुप्ता ( बीकानेर लिटरेचर फेस्टिवल फ़ेम) के लिए था ... यह दुर्भाग्य है कि अब भी अशोक जी ने अपनी वाल पर घटिया फोटो डालने छोड़े नहीं हैं। यहाँ तक कि लेखकों को टैग कर वह अश्लील तस्वीरें उनकी वाल पर भी पोस्ट करते हैं और कहीं से कोई विरोध नहीं जैसे कि यह कितनी आम बात है । अशोक जी ना तो लेखक हैं , ना पेंटर . ( माफ कीजिएगा मुझे नहीं लगता कि उन्हे कला की रत्ती भर समझ भी है ! ) उनकी साहित्य और कला के नाम पर की गयी इस धृष्टता का मैं विरोध करती हूँ। अमित्र कर दिया है। आशा करती हूँ आप भी इस गलत बात का विरोध करेंगे।
    Rashmi Bhardwaj –
    If nudity is an art, why exclude sunny leone or likes terming them porn, cheap or vulgur . I think i m too middle class to appreciate it ...instead promoting nudity in fb fills me with bad taste ....can u put these pics on the walls of your home for your kids to see n discuss..it really hurts me as a woman to witness this every time so openly.. people here are really double standard ..they discuss n term women who change profile pictures n remain online till late with nasty names ...but they
    appreciate or ignore if a man does something insensitive...pseudo intellectualism in the name of art and culture !... l strongly condemn it..if anybody has a problem with this ..kindly unfriend me..really it is helpful only ...as i cant keep my eyes shut n just ignore..."
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    Vivek Gupta, Anand Kumar Dwivedi, Shubham Shasha and 28 others like this.

    Rashmi Bhardwaj बाबा.. आभार..लेकिन इसमें आप अपना पक्ष भी रखते तो ख़ुशी होती।
    March 16 at 11:56pm · Unlike · 1

    Girijesh Tiwari रश्मि, मेरा पक्ष तुम हो ! स्पष्ट और दोटूक !
    तुम्हारे लिखने के बाद और कुछ कहने को नहीं रह गया . तुम्हारा स्टैंड ही मेरा स्टैंड है.
    March 17 at 12:08am · Like · 2

    Rashmi Bhardwaj साथ रहें बाबा। बस इतना ही कहूँगी।
    March 17 at 12:22am · Unlike · 1

    Basant Jaitly गिरिजेश, उनकी कल की टैग की गयी इमेल का विरोध मैंने यों ही नहीं किया था. जो गलत लगेगा उसका विरोध होगा.
    March 17 at 1:06am · Unlike · 3

    Abrar Khan लोग कला की आड़ में अश्लीलता क्यूँ परोसते हैं | क्या कला प्रदर्शन का एक मात्र तरीका फूहड़ता ही है | क्या प्रकृति में और कोई सुंदरता नहीं है | क्या यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं है ......?
    मैं उन महाशय को जानता तो नहीं पर इतना ही कहूँगा कि यह लोग कुंठा के शिकार हैं जो कला की आड़ में नग्नता परोसकर अपनी कुंठा मिटाते हैं |
    March 17 at 10:51am · Like · 1

    Mukesh Dilliwar Dilliwar abrar bhai.u r right
    March 17 at 11:07am · Like · 1

    Abrar Khan Thanks
    March 17 at 11:14am · Like

    Badri Nath kisi ko bina anumati tag kiye jaane se main sahmat nahi lekin kala sahitya ko jis nazariye se aap log dekh rahe hain wah bhi uchit nahin.hussain,ara,suza,amrita shergill ravi verma aadi ke baare mein aap mahanubhaon ke khyal kya honge yeh bhi samajh mein aa raha hain isliye bajai apni rai dene ke aap log ashokji ko unfriend kar dein

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