Tuesday 31 March 2015

___ लोग जब सच जान लेंगे, तो... ___


प्रिय मित्र, लोग बीमार रहें, स्वस्थ न होने पायें - इसके लिये पूरा चिकित्सा-तन्त्र काम कर रहा है.
लोग साक्षर तो हो जायें, मगर विद्वान् न होने पायें - इसके लिये पूरा शिक्षा-तन्त्र काम कर रहा है.
लोग फैसला तो पा सकें, मगर इन्साफ न पाने पायें - इसके लिये पूरा न्याय-तन्त्र काम कर रहा है.
लोग मतदान तो कर सकें, मगर जनपक्षधर सरकार न बन सके - इसके लिये सभी चुनावबाज़ संसदवादी राजनीतिक पार्टियाँ काम कर रही हैं.
लोग डरते रहें, निडर न हो सकें - इसके लिये पुलिस-प्रशासन काम कर रहा है.
लोग घूस देते रहें, बिना घूस के कोई काम न करवा सकें - इसके लिये हर कुर्सी काम कर रही है.
लोग भ्रम में जीते रहें, जीवन का सच न समझ सकें - इसके लिये सभी धर्मों के ठीकेदार काम कर रहे हैं.
लोग ग़रीब रहें, उनके पास दो पैसा उनकी मुसीबत के दिन के लिये न बचने पाये - इसके लिये अर्थशास्त्री योजनाएँ बनाने में लगे हैं.
लोग बेरोज़गार बने रहें, उनके हाथों को काम न मिलने पाये - इसके लिये उद्योगपति और सरकार दोनों मिलकर जी-तोड़ कोशिश करने में पीछे नहीं हैं.
लोगों की ग़रीबी की चर्चा जारी रहे, ताकि अपनी ग़रीबी दूर कर सकें - इसके लिये एन.जी.ओ. ज़ोर-शोर से हल्ला मचाते रहते हैं.
लोग अखबार और टी.वी. तो ख़रीद लें, मगर समाचार न जान सकें - इसके लिये मीडिया ईमानदारी से सक्रिय है.
लोग देश को तो समझ सकें, मगर मानवता को भूले रहें - इसके लिये युद्ध-पिशाच बयान देते रहते हैं.
लोग आँख बन्द करके मरी हुई परम्पराओं का पालन करते रहें, विद्रोह न करें - इसके लिये बिरादरी और बुज़ुर्ग सजग रहते हैं.
लोग बेईमान रहें, ईमानदार न बन सकें - इसके लिये टैक्स उगाही करने वाला हर विभाग सतर्कतापूर्वक छापामारी करता रहता है.
मगर लोग तो लोग हैं, आज नहीं तो कल इस व्यवस्था का सारा झूठ जान ही लेंगे.
और तब ये मासूम लोग ही इस लुटेरे ढाँचे को बदल देंगे.
ढेर सारे प्यार के साथ - आपका गिरिजेश (21.3.15.)

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